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रहस्य कायम: बाइडेन की दो टूक-कोरोना की उत्पत्ति कैसे हुई, गहराई से जांच करे खुफिया एजेंसियां

विदेश: ब्रिटेन। कोरोना (Corona) की उत्पत्ति कैसे और कहां से हुई इसको लेकर पूरी दुनिया (whole world) आज भी रहस्य बना हुआ है। इसको लेकर अब एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है। इस बीच यूएस राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों (US intelligence agencies) को इस बात की गहराई से जांच करने का आदेश दिया है कि क्या कोरोनोवायरस (corono virus) पशु-से-मानव संचरण से स्वाभाविक रूप से पैदा हुआ या वुहान वायरोलॉजी लैब (wuhan virology lab) से गलती से लीक हो गया। लैब-रिसाव सिद्धांत पिछले साल अप्रैल में राष्ट्रपति ट्रम्प और कुछ अन्य लोगों ने पेश किया था। उस समय इसे नस्लवादी नीयत के साथ रची गई एक निराधार साजिश बताकर खारिज कर दिया गया था। चीन के समर्थन में प्रमुख वैज्ञानिकों द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान मार्च 2020 में लैंसेट में प्रकाशित किया गया था और वायरस की उत्पत्ति के बारे में निराधार अटकलों के प्रति आगाह किया था।

लेकिन अब यह सुझाव कि वायरस लैब से लीक हुआ था एक बार फिर चर्चा में है। कुछ लोग सोच रहे हैं कि क्या मीडिया इस संभावना को गंभीरता से लेने में विफल रहा। इसके अलावा, ट्रम्प और उनके समर्थकों ने तर्क दिया कि उनकी बात सही थी और उसे इस तरह नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए था। अब सवाल यह पैदा होता है कि लंबे समय से एक साजिश के सिद्धांत के रूप में खारिज की गई एक परिकल्पना दोबारा कैसे सामने आ गई है?

 

 

हमारे शोध के हिस्से के रूप में, मैंने और मेरे सहयोगियों ने महामारी के प्रसार में षड्यंत्र के सिद्धांतों पर पिछले 18 महीनों में आनलाइन काम किया है। यह सिद्धांत कि वायरस एक प्रयोगशाला (laboratory) में बनाया गया था, इसके सबसे शुरुआती और सबसे लोकप्रिय कारणों में से एक था। सर्वेक्षणों में पाया गया कि लगभग 30% अमेरिकियों ने कुछ बिंदुओं पर इसे माना। हालांकि इस बात के पर्याप्त सुबूत हैं कि वायरस में जेनेटिक इंजीनियरिंग (genetic engineering) के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं थे।

लेकिन महामारी की शुरुआत में, मीडिया ने इन अटकलों के बीच अंतर नहीं किया कि सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) को चीन द्वारा एक जैव-हथियार के रूप में बनाया गया था (और फिर गलती से या जानबूझकर लीक किया गया) एक और बात कही गई कि इसकी उत्पत्ति तो प्राकृतिक रूप से हुई, लेकिन अध्ययन के दौरान गलती से वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी (wuhan institute of virology) से यह लीक हो गया। नतीजतन, सामान्य तौर पर लैब-रिसाव के दावों को अत्यधिक संदिग्ध नजर से देखा जाने लगा।

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