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भारत की ड्रैगन को दो टूक: टकराव वाले सभी स्थानों से हट जाएं पीछे, भड़के चीन ने कही यह बात

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) के निकट LAC पर शांति बहाली के लिए कल भारत (India) और चीन (China) के बीच रविवार को 13वें दौर की कोर कमांडर (corps commander) स्तर की वार्ता हुई। यह बैठक दोनों पक्षों के बीच करीब 9 घंटे चली। बैठक में भारत की तरफ से चीन से दो टूक कहा गया है कि वह बाकी बचे टकराव (confrontation) वाले सभी स्थानों से भी पीछे हटे। और मई 2020 से पूर्व की स्थिति बहाल करे। जिसको लेकर चीन भड़क गया है। उसके सारकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स (Sarkari Siren Global Times) ने पीएलए वेस्टर्न थिएटर कमांड (PLA Western Theater Command) के हवाले से कहा है कि इस दौरान भारत के द्वारा अनुचित और अवास्तविक मांगों पर जोर दिया गया।

चीन ने कहा कि भारत अनुचित मांग उठा रहा है, जिससे मुश्किलें आ रही हैं। चीन ने कहा कि आपकी इस तरह की मांग से विवाद और बढ़ जाएगा। उसने भारत पर बातचीत में मुश्किलें पैदा करने का भी आरोप लगाया है। सरकारी मीडिया ने चीन को उम्मीद है कि भारतीय पक्ष किसी भी तरह से स्थिति का गलत आकलन नहीं करेगा, सीमावर्ती क्षेत्रों में उत्पन्न विवाद को सुलझाने में हरसंभव मदद करेगा, प्रासंगिक समझौतों का पालन करेगा और दो देशों और दो सेनाओं के बीच ईमानदारी के साथ काम करेगा।

सैन्य सूत्रों के अनुसार रविवार को वार्ता का मुख्य जोर पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 (PP-15) से सैन्य टुकड़ियों की वापसी पर केंद्रित रहा। बातचीत के बारे में कोई भी आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। भारत की ओर से वार्ता की अगुआई लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन (Lt Gen PGK Menon) ने की, जो लेह स्थित 14वें कोर के कमांडर हैं। भारत लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग (Depsang), हॉट स्प्रिंग (hot spring) और गोगरा (gogra) के मुद्दों का सुलझना दोनों देशों के रिश्तों में सुधार के लिए जरूरी है।





डेढ़ साल में 13 दौर की हो चुकी है बैठक
बता दें कि पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर पिछले डेढ़ साल से चल रहे तनाव के दौरान 13 दौर की बैठक हो चुकी हैं। इस दौरान लाइन आफ एक्चुयल कंट्रोल (LAC) के फिंगर एरिया, कैलाश हिल रेंज और गोगरा इलाकों में तो डिसइंगेजमेंट हो चुका है, लेकिन हॉट स्प्रिंग, डेमचोक और डेपसांग प्लेन्स में तनाव अभी भी जारी है। सेना के अनुसार भारतीय पक्ष ने विवादित क्षेत्रों के मुद्दों को हल करने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए लेकिन चीनी पक्ष इसपर राजी नहीं था और न ही खुद कोई समाधान दिया। ऐसे में यह बैठक बेनतीजा रही।

इसलिए महत्वपूर्ण है यह बैठक
भारत की तरफ से वार्ता का नेतृत्व लेफ्टनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं, जो लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर भी हैं। पिछली कई वातार्ओं का नेतृत्व वह कर चुके हैं। दरअसल, यह वार्ता इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल में चीन ने उत्तराखंड के बाराहोती और अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी आक्रामकता दिखाने की कोशिश की है, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था। भारत ने चीनी सेना की हरकतों पर सख्त रुख अपनाया हुआ है।

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