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पीएम का वाराणसी दौरा: आधी रात योगी के साथ मोदी पहुंचे रेलवे स्टेशन, 10 मिनट तक किया यात्री सुविधाओं का मुआयना

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Parliamentary Constituency Varanasi) के दो दिनी दौरे पर हैं। इस दौरान पीएम ने सोमवार को बाबा काल भैरव (Baba Kal Bhairav) का दर्शन कर श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Shri Kashi Vishwanath Corridor) का लोकार्पण किया। इसे बाद वे अस्सी घाट और रविदास घाट भी पहुंचे, जहां उन्होंने संत रविदास (Sant Ravidas) को नमन किया। इतना नहीं, पीएम ने देर रात करीब एक बनारस के रेलवे स्टेशन (Banaras railway station) का भ्रमण भी किया। इस बीच उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) साथ रहे। उन्होंने स्टेशन की व्यवस्थाओं और यात्री सुविधाओं (passenger amenities) का भी मुआयना किया। यहां पर करीब 10 मिनट रुकने के बाद पीएम मोदी रवाना हो गए।

पीएम मोदी ने बनारस स्टेशन की कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं। पीएम मोदी ने ट्वीट (Tweet) कर लिखा, अगला पड़ाव…बनारस स्टेशन। हम रेल नेटवर्क बढ़ाने के साथ-साथ स्वच्छ, आधुनिक और यात्रियों के अनुकूल रेलवे स्टेशनों को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने काशी में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने ट्वीट किया, काशी में प्रमुख विकास कार्यों का निरीक्षण। हमारा प्रयास है कि इस पवित्र शहर के लिए सबसे अच्छा संभव बुनियादी ढांचा तैयार किया जाए।





स्वर्वेद महामंदिर धाम जाएंगे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी आज (मंगलवार) स्वर्वेद महामंदिर धाम जाएंगे, जहां वाराणसी आए अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी होंगे। पीएम विहंगम योग के 98वें वार्षिकोत्सव को संबोधित करेंगे। विहंगम योग के संत प्रवर विज्ञान देव महाराज ने सोमवार को स्वर्वेद महामंदिर धाम उमरहां में आयोजित विहंगम योग के 98वें वार्षिकोत्सव के उद्घाटन के दौरान कहा कि अध्यात्म हमारे जीवन की अपरिहार्य आवश्यकता है। इससे हमारे जीवन का संपूर्ण विकास होता है।

संपूर्ण विश्व में है अध्यात्म से हमारी पहचान
संत विज्ञान देव ने कहा कि भारत आध्यात्मिक देश रहा है। अध्यात्म से ही हमारी पहचान संपूर्ण विश्व में है। इसी आध्यात्मिक ज्ञान की धारा को विहंगम योग के प्रणेता सद्गुरु सदाफल देव ने अपनी आत्मा में धारण किया और संपूर्ण विश्व की मानवता के कल्याण के लिए उसे स्वर्वेद में अभिव्यक्त कर दिया। आध्यात्मिक जीवन ही श्रेष्ठ जीवन है। विहंगम योग विशुद्ध आध्यात्मिक मार्ग है।

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