किसानों की हुंकार: हर बाधा को पार कर सचिवालय के मुख्य द्वार पर पहुंचे किसान, पुलिस ने पानी की बौछार
चंडीगढ़। हरियाणा (Haryana) के करनाल में 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज (lathi charge on farmers) के विरोध में आज किसानों ने मुजफ्फरनगर के बाद आज किसान संगठनों (Farmer’s Organizations) ने करनाल के अनाज मंडी में महापंचायत (mahapanchayat) का आयोजन किया। जहां प्रशासन की हिदायद के बाद भी हजारों किसान जमा हो गए और जिला मुख्यालय की ओर कूच किया। इसके बाद एक बार फिर अशांति फैलने की आशंका बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि किसानों और प्रशासन के बीच तीन दौर की वार्ता भी हुई लेकिन विफल रही। इसके बाद किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) की मौजूदगी में किसानों ने मुख्यालय का घेराव करने का फैसला करते हुए कूच कर दिया है।
पुलिस प्रशासन द्वारा जगह-जगह प्रशासन ने बैरिकेड लगा किसानों को रोकने का प्रयास किया लेकिन किसान हर बाधा को पार कर सचिवालय के मुख्य गेट तक पहुंच गए और धरने पर बैठे हैं। इस दौरान किसानों पर पुलिस वाटर कैनन (water cannon) का भी इस्तेमाल भी किया। किसान संगठनों ने मांग की थी कि 28 अगस्त को जिले में हुए प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन होना चाहिए वरना वे करनाल में स्थित मिनी सचिवालय का घेराव करेंगे।
वहीं प्रदेश सरकार के आदेश पर प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवानों की तैनाती की है। बड़ी संख्या में किसान मंगलवार को सुबह ही ट्रैक्टरों, मोटरसाइकिलों और कारों में सवार होकर अनाज मंडी पहुंचे थे। इसके बाद 11 किसान नेताओं के डेलिगेशन को अधिकारियों ने बातचीत के लिए बुलाया था। सीनियर किसान नेता जोगिंदर सिंह (Senior farmer leader Joginder Singh) ने बताया कि प्रशासन के साथ हमारी बातचीत फेल रही है क्योंकि वे हमारी मांगों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
प्रशासन और किसानों के बीच नहीं बनी बात
दिन में किसानों की 15 सदस्यीय कमेटी को लघु सचिवालय (जिला मुख्यालय) बुलवाया गया। जिसमें DC करनाल निशांत कुमार यादव और एसपी गंगाराम पूनिया ने किसान नेताओं से आह्वान किया कि वे लघु सचिवालय कूच और घेराव की जिद्द छोड़ दें। इस पर किसान नेताओं ने भी अफसरों से स्पष्ट कहा कि वे लघु सचिवालय (mini secretariat) कूच नहीं करेंगे। बशर्ते सरकार उनकी मांगें शांतिपूर्वक सुने और उसे माने। इसी को लेकर दो घंटे तक किसान नेताओं और प्रशासनिक अफसरों के बीच तीन दौर की बातचीत चली लेकिन बेनतीजा रही।
अर्धसैनिक बलों की 40 कंपनियां तैनात
वार्ता विफल होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, डॉ. दर्शनपाल सिंह, जोगेंद्र सिंह उगराहां, बलबीर सिंह राजेवाल समेत अन्य किसान नेता नई अनाज मंडी में चल रही किसान महापंचायत में पहुंचे और वहां हजारों की संख्या में मौजूद किसानों के समक्ष वार्ता के विफल होने की जानकारी दी। इसके बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने मंच से ही लघु सचिवालय कूच करने और घेराव का एलान कर दिया। उधर, प्रशासन ने भी किसानों को रोकने के लिए अर्धसैनिक बल की 40 कंपनियों तैनात की हुई थी। मगर किसानों ने अपना शांतिपूर्वक मार्च शुरू किया और सचिवालय की ओर बढ़ना शुरू कर दिया।