मध्यप्रदेश

लाउडस्पीकर विवाद में नाथ की एंट्री: बोले- इससे जुड़ी हैं लोगों की भावनाएं, नहीं बनाया जाए पब्लिक का मामला

भोपाल। उत्तरप्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश में भी लाउडस्पीकर को लेकर राजनीति गरमा रही है। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के बाद अब इस मामले मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का भी बयान सामने आया है। कमलनाथ ने रवींद्र भवन में मीडिया से चर्चा में कहा कि इसे पब्लिक का मामला नहीं बनाया जाए। इससे लोगों की भावनाएं जुड़़ी हैं। यह लोगों का निजी मामला है।

कमलनाथ ने कहा कि वे इससे सहमत है कि लाउडस्पीकर का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। वैसे तो लाउडस्पीकर का उपयोग कई जगह होता है। यहां तक की छोटी-छोटी सभाओं में इसका उपयोग होता है। वहीं उन्होंने कोयले की कमी के कारण बिजली संकट को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। नाथ ने कहा कि प्रदेश में बिजली व कोयला संकट से लोग परेशान चल रहे है। बिजली कटौती से किसान, व्यापारी और छात्र परेशान है। यह सब पिछले दो साल के भ्रष्टाचार का नतीजा है।

आज शिवराज सरकार बगैर भ्रष्टाचार और कमीशन दिए कोई सौदा नहीं हो पा रहा है। भाजपा सरकार बिजली संकट और कोयला संकट को मजाक में ले रही है। कमलनाथ ने कहा कि यह स्थिति आज उत्पन्न नहीं हुई है। पिछले दो-तीन महीने से यह संकट दिख रहा था। यह कोई अचानक से बाढ़ या भूंकप नहीं आया है।

बता दें महाराष्ट में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने को मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि लाउडस्पीकर नहीं हटो तो मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा पढ़ेगे। इसके बाद देश भर में मुद्दा गरमा गया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर को लेकर नए निर्देश भी जारी किए थे। देशभरा में लाउडस्पीकर को लेकर बहस शुरू हो गई है।

यहां से उठा लाउडस्पीकर का विवाद
महाराष्ट्र में राज ठाकरे ने मस्जिद पर लाउड स्पीकर से अजान को लेकर जो मुद्दा शुरू किया था जिसमें उन्होंने इसके मस्जिद में उपयोग पर पाबंदी की मांग की थी। इसके बाद देशभर में इसी तरह की मांग उठी है। इसको लेकर लोगों ने मस्जिदों पर लाउड स्पीकर का उपयोग बंद नहीं होने पर हनुमान चालीसा पाठ का ऐलान किया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके उपयोग को लेकर कानून बना दिया था। मध्य प्रदेश में इसी तरह की कार्रवाई की सुगबुगाहट है और इसको लेकर मीडिया ने कमलनाथ से सवाल किया था।

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