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भाजपा कर रही गुमराह: राष्ट्रपति बनना तो दूर की बात, मैं इस बारे में सपने में भी नहीं सोचती- मायावती बोलीं

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती किसी भी पार्टी की ओर से मिले राष्ट्रपति पद के प्रस्ताव को कभी स्वीकार नहीं करेंगी। यह बात उन्होंने स्वयं कही है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस ने उनके समर्थकों को गुमराह करने के लिए यह झूठा प्रचार किया था कि अगर उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा को जीतने दिया गया, तो उनकी बहन जी (मायावती) को राष्ट्रपति बनाया जाएगा।

विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पहली बार पदाधिकारियों, प्रमुख कार्यकर्ताओं और पूर्व प्रत्याशियों को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि चुनाव में बसपा को कमजोर करने के लिए भाजपा ने एक सोची समझी साजिश के तहत काम किया। भाजपा ने अपने संगठन आरएसएस के जरिये हमारे लोगों में यह गलत प्रचार कराया कि उप्र में बसपा की सरकार नहीं बनने पर हम आपकी बहन जी को देश का राष्ट्रपति बनवा देंगे, इसलिए आपको भाजपा को सत्ता में आने देना चाहिए।

बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और इससे पहले ही इस पद के लिए चुनाव होना है। बसपा मुख्यालय से जारी बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि उनके लिए राष्ट्रपति बनना तो बहुत दूर की बात है, वह इस बारे में सपने में भी नहीं सोच सकतीं। बसपा प्रमुख ने कहा कि बहुत पहले ही कांशीराम ने उनका यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था और मैं तो उनके पदचिह्नों पर चलने वाली उनकी मजबूत शिष्या हूं। उन्होंने सफाई दी कि जब उन्होंने (कांशीराम) यह पद स्वीकार नहीं किया तो भला फिर मैं कैसे यह पद स्वीकार कर सकती हूं।

मायावती ने कहा कि वह अपनी पार्टी और आंदोलन के हित में कभी भी भाजपा या अन्य किसी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद स्वीकार नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा कि पार्टी के लोग ऐसी अफवाहों से गुमराह न हों। उन्होंने पार्टी का जनाधार बढ़ाने का अनुरोध किया। मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने गरीब वर्ग को रोजगार देने की बजाय थोड़ा मुफ्त राशन देकर उन्हें अपना गुलाम व लाचार बना दिया है, जिससे इनको बाहर निकालना है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इन वर्गों के साथ-साथ दलितों में भी मेरी जाति (जाटव) को छोड़कर जो अन्य दलित जाति के लोग हैं, उन्हें भी इन पार्टियों के हिंदुत्व से बाहर निकालकर बसपा से जोड़ना है। बसपा प्रमुख ने अपनी जिंदगी का एक-एक पल पार्टी को सर्मिपत करने का ऐलान करते हुए कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी (बसपा) को फिर से सत्ता में लाने के लिए कड़ा संघर्ष करना होगा।

उन्होंने यह भी दावा किया कि अब मुस्लिम समाज के लोग सपा को वोट देकर पछता रहे हैं। मायावती ने कहा कि यूपी में पार्टी को फिर से सत्ता में लाने के लिए कदम-कदम पर सभी को जातिवादी, पूंजीवादी व सामंतवादी ताकतों से काफी कड़े संघर्ष का सामना करना होगा। लेकिन इसके लिए अब उन्होंने फ­रि से कमर कस ली है।

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