राज्यसभा में भावुक हुए नायडू: कहा- विपक्ष के रवैये से हुआ दुख, रात भर सो नहीं पाया
नई दिल्ली। पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Detective Scandal) सहित अन्य कई मामलों को लेकर विपक्षी पार्टियों (opposition parties) द्वारा किए जा रहे हंगामें के कारण मानसून सत्र में सदन की कार्यवाही लगातार बाधित रही है। विपक्षी सांसदों के इस रवैये को देख आज जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई वैसे ही राज्यसभा के अध्यक्ष वेंकैया नायडू (Rajya Sabha Speaker Venkaiah Naidu) भावुक हो गए। कल की घटना का जिक्र करते हुए सभापति ने का कि विपक्षी दल कृषि कानूनों (agricultural laws) का विरोध करते हुए मेज पर बैठ गए और अन्य सदस्य सभागार की मेज पर चढ़ गए तो इससे सदन की सारी गरिमा खत्म हो गई। उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस रवैये के कारण मैं रात भर सो नहीं पाया।
सभापति ने सख्त लहजे में कहा कि कहा कि सदन में हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों को कार्रवाई का सामना करना होगा। बता दें कि मंगलवार को राज्यसभा में हंगामे की हद उस वक्त पार हो गई, जब कांग्रेस के एक सांसद ने मेज पर चढ़कर आसन की ओर रूल बुक (rule book) फेंक दी। इस तरह से पांच बार बाधित होने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी थी।
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि मैं इस बात से बेहद दुखी हूं कि कुछ सदस्यों ने मॉनसून सेशन (monsoon session) में बुरी तरह उपद्रव किया है। उन्होंने कहा कि आपकी ओर से किसी भी मसले पर बहस की जा सकती है और राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन जिस तरह से उपद्रव किया गया था, वह दुख पहुंचाने वाला है। हालांकि, वेंकैया नायडू की इस टिप्पणी के दौरान भी सदन में लगातार हंगामा जारी रहा। इस पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि चेयर से कुछ कहा जा रहा है तो फिर सुन लीजिए।
लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही भी शोर-शराबे की वजह से दोपहर 12 बजे तक के लिए टाल दी गई है। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक ही चलना है।
क्या है मामला
दरअसल, मंगलवार दोपहर 2 बजे दोपहर के भोजन के बाद जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, उपसभापति भुवनेश्वर कलिता (Deputy Chairman Bhubaneshwar Kalita) ने कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके समाधान पर एक संक्षिप्त चर्चा शुरू करने का आह्वान किया। इस पर विरोध दर्ज कराने के लिए कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने कहा कि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उनके नोटिस को सदन के संज्ञान में लाए बिना और बिना सहमति के ही चर्चा का समय कम कर दिया गया है। यह निर्णय एकतरफा है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी (Union Minister Prahlad Joshi) ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ, लेकिन सदन की राय लेने की जरूरत है तो ले लीजिए। इस पर कलिता ने कहा कि यह अध्यक्ष का निर्णय है, इसलिए मैं इसमें बदलाव नहीं कर सकता और हम उसी आधार पर चर्चा करा रहे हैं। उन्होंने चर्चा शुरू करने के लिए भाजपा के विजय पाल सिंह तोमर को आमंत्रित किया।