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राजस्थान: अंतत: 40 घंटे बाद हुआ इन्द्र का अंतिम संस्कार, गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर खूब बरसाए पत्थर

जालोर। राजस्थान के जालोर जिले के सायला थाना इलाके के सुराणा गांव में स्कूल टीचर की पिटाई से हुई दलित छात्र की मौत के बाद से ही माहौल काफी तनावपूर्ण बना था। हालांकि तनावपूर्ण माहौल के बीच प्रशासन द्वारा 40 घंटे के बाद कल रविवार की शाम परिवार की सहमति से छात्र का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे के दाह संस्कार से पहले, परिवार के सदस्य और अधिकारी मुआवजे को लेकर बातचीत कर रहे थे, तभी कुछ बाहरी लोगों ने हस्तक्षेप करने का प्रयास किया और शव को छीनने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने इस प्रयास को नाकाम कर दिया।

बताया जा रहा है कि मांगें पूरी न होने तक परिजन बच्चे का अंतिम संस्कार न करने पर अड़े हुए थे। इसके बाद घर के आंगन में शव को रखकर प्रशासन और परिजनों के बीच बातचीत हुई। 50 लाख रुपये का मुआवाज, परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी और स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की गई। दिनभर में करीब चार दौर की बातचीत हुई, लेकिन विफल रही।





इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। भीड़ के उग्र होने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कई लोगों को जहां चोटें आई हैं, वहीं कई लोग घायल भी हुए हैं। पुलिस ने उपद्रवी भीमआर्मी के दस लोगों को हिरासत मे लिया। शाम करीब साढ़े सात बजे परिवारवालों से मुआवजे पर सहमति बनी और बालक इंद्र का अंतिम संस्कार किया गया। उधर, पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट और हत्या की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर टीचर छैलसिंह को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

छात्र इंद्र का कसूर- पानी के मटके को छू लिया था
गौरतलब है कि राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा गांव स्थित निजी स्कूल सरस्वती विद्या मंदिर में तीसरी कक्षा के छात्र इंद्र मेघवाल ने पेयजल के मटके को कथित रूप से छू लिया था। जिसके बाद 20 जुलाई को कथित तौर पर उसकी पिटाई की थी और अहमदाबाद के एक अस्पताल में शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने 40-वर्षीय अध्यापक चैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर हत्या और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।

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