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अब 300 मीटर दूर बैठा दुश्मन होगा ढेर: अमेठी में बनेंगी 5 लाख से अधिक AK-203 राइफल, केन्द्र सरकार का बड़ा निर्णय

नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र (defense sector) में आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम और बढ़ाते हुए केन्द्र की मोदी सरकार (Modi government at the center) ने शनिवार को बड़ा फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक केन्द्र सरकार ने उत्तरप्रदेश के अमेठी (Amethi of Uttar Pradesh) में 5 लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफल (AK-203 assault rifle) बनाने की मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने कहा कि उत्तरप्रदेश भारत का का रक्षा विनिर्माण केन्द्र बनने के मार्ग पर है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना विभिन्न सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और अन्य रक्षा उद्योगों को कच्चे माल तथा घटकों की आपूर्ति के लिए व्यावसायिक अवसर प्रदान करेगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

रक्षा अधिकारियों ने कहा कि केन्द्र की मंजूरी के बाद अमेठी जिले के कोरवा में राइफल कारखाना स्थापित किया जाएगा। जहां पांच लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफलों को बनाया जाएगा। एक सूत्र ने यह भी कहा कि यह रक्षा अधिग्रहण (defense takeover) में खरीद से मेक इन इंडिया (Make in India) तक के सफर में लगातार होते बड़े परविर्तन को दर्शाता है। यह प्रयास रूस के साथ साझेदारी में किया जाएगा और यह रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच गहरी होती साझेदारी को आगे बढ़ाएगा।

AK-203 असॉल्ट राइफल्स आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी अभियानों में भारतीय सेना (Indian Army) की परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाएंगी। उन्होंने बताया कि यह परियोजना इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) नामक एक विशेष प्रयोजन के संयुक्त उद्यम द्वारा कार्यान्वित की जाएगी। यह भारत के तत्कालीन ओएफबी-आयुध निमार्णी बोर्ड (अब एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) और म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL) तथा रूस के रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (ROE) एवं कालाश्निकोव के साथ बनाया गया है।





वजन में रहेगी काफी हल्की
AK-203 असॉल्ट राइफल को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे यह सुरक्षाकर्मियों के लिए अनुकूल बन सके। यह आधुनिक असॉल्ट राइफल है जो वजन में काफी हल्की और उपयोग में उतनी ही आसान भी है। 300 मीटर दूर बैठे दुश्मन को यह ढेर करने में सक्षम होगी। इंसास के बाद यह राइफल सैनिकों की युद्ध क्षमता को बढ़ाएगी।

पूरी तरह से स्वदेशी होगी राइफल
7.62 39MM कैलिबर वाली AK-203 असॉल्ट राइफल तीन दशक से अधिक समय से शामिल इंसास राइफल (insas rifle) की जगह लेने वाली है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, पहली 70 हजार राइफल की खेप में रूसी कलपुर्जे लगे होंगे। इसके बाद पूरी तरह से यह राइफल स्वदेशी हो जाएगी। एके-203 असॉल्ट राइफल इंसास राइफल की जगह लेगी। यह इस तरह से डिजाइन की गई है, जिससे यह हल्की तो हो ही साथ ही चलाने में भी आसान हो। इसके इस्तेमाल से सैनिकों की युद्ध क्षमता और बढ़ जाएगी।

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