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छात्र लौटे अपने देश तो युद्ध में कूदे यूक्रेनी टीचर, कुछ ने सेना के लिए किया साइन तो कुछ नागरिकों की रहे मदद

कीव। रुस और यूक्रेन के बीच आज 18वें दिन भी भीषण युद्ध जारी है। इस भीषण युद्ध में जहां अब तक हजारों लोगों की मौत और इससे ज्यादा घायल हुए है, वहीं अब तक 20 लाख से अधिक लोगों ने यूक्रेन से पलायन भी कर दिया है। हालांकि भारत अपने सभी नागरिकों और मेडिकल की पढ़ाई करने वाले सभी छात्रों को आपरेशन गंगा के तहत निकालने में सफल रहा है। इस बीच बड़ी खबर यह सामने आई है कि पढ़ाई कर रहे छात्रों के चले जाने के बाद उनको पढ़ाने वाले टीचर युद्ध के मैदान में कूद गए हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी आक्रमण के कारण हजारों भारतीय छात्रों की वतन वापसी हो चुकी है, ऐसे में यूक्रेन में उनके शिक्षक, युद्ध के प्रयास में डूब गए हैं। वे अपेक्षाकृत कम प्रभावित पश्चिमी शहरों जैसे टेरनोपिल और लवीव में रहते हैं। वे युद्ध क्षेत्रों में दवाओं की व्यवस्था और सप्लाई करते हैं, सैनिकों और नागरिकों के लिए खाना बनाते हैं, और नागरिकों के लिए मुफ्त आॅनलाइन और आॅफलाइन चिकित्सा सहायता कक्षाएं आयोजित करते हैं। कुछ ने तो सेना के लिए भी साइन कर लिया है।





वहीं लगभग दो हफ्ते पहले तक, नतालिया कल्यानियुक पश्चिमी यूक्रेन में टेरनोपिल मेडिकल नेशनल यूनिवर्सिटी में फोरेंसिक मेडिकल एंड मेडिसन लॉ पर क्लासेस लेती थीं। कल्यानियुक आर्मी ज्वाइन करने वाले ग्रुप से हैं, जो अपने वकील पति बोडगन कल्यानियुक के साथ अपनी मिलिट्री यूनिट को हर दिन रिपोर्ट करते हैं। वे टैंक-रोधी मिसाइलों को फायर करना सीख रहे हैं।

यही नहीं 37 वर्षीय एसोसिएट प्रोफेसर कल्यानियुक यूक्रेनी सेना के लिए कैमोफ्लॉग नेट बुनती हैं और युद्ध क्षेत्र में नागरिकों और सैनिकों के लिए चिकित्सा आपूर्ति और भोजन की व्यवस्था करने में मदद करती हैं। वह पूछती हैं, हम अपने घर को तबाह होते हुए कैसे देख सकते हैं और कुछ करें भी न?

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