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यूक्रेन-रूस संकट पर यूएन में बोला भारत: बढ़ता तनाव चिंता का विषय, इन घटनाक्रमों से शांति और सुरक्षा होगी कमजोर

न्यूयॉर्क। रूस (Russia) द्वारा पूर्वी यूक्रेन (Ukraine) के दो क्षेत्रों डोनेत्स्क (donetsk) एवं लुहांस्क (luhansk) को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने और पूर्वी यूक्रेन में सेना भेजने के आदेश दे दिया है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के इस आदेश ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। बढ़ते इस संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक भी शुरू हो गई है। जारी इस बैठक में भारत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। यूएनएससी में भारत (India) के स्थाई सदस्य टीएस तिरुमूर्ति (Permanent Member TS Tirumurti) ने सभी पक्षों को अत्यधिक संयम बरतने और पारस्परिक रूप से सौहार्दपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

भारत की तरफ से यह बयान UNSC में रूस द्वारा अलग किए गए क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुहान्स्क की स्वतंत्रता की मान्यता की पृष्ठभूमि में दिया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका और सहयोगियों ने यूक्रेन में अलगाववादी क्षेत्रों की रूस की स्वतंत्र के रूप में मान्यता पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक का अनुरोध किया। भारत ने आगे कहा क रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है।

उन्होंने कहा कि तत्काल प्राथमिकता सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को कम करना है और इसका उद्देश्य क्षेत्र और उसके बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता हासिल करना है। भारतीय प्रतिनिधि ने इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे को कूटनीतिक बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा, हमें उन दलों द्वारा हाल ही में की गई पहलों को स्थान देने की आवश्यकता है जो तनाव को दूर करना चाहते हैं। हमें अधिक से अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। हम सैन्य वृद्धि का जोखिम नहीं उठा सकते।

अंत में कहा, हम सभी पक्षों के लिए अत्यंत संयम बरतने और राजनयिक प्रयासों को तेज करने के लिए अंतरराष्ट्रीय शांति (international peace) और सुरक्षा बनाए रखने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एक पारस्परिक रूप से सौहार्दपूर्ण समाधान जल्द से जल्द हो। वहीं उन्होंने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा (security of Indian citizens) को लेकर भी चिंता जताई। 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं। भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है।





अमेरिका ने भी दी प्रतिक्रिया
यूएनएससी की बैठक में अमेरिका ने कहा कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर रूस का स्पष्ट हमला अकारण है। यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्य के रूप में यूक्रेन की स्थिति पर हमला है। यह अंतरराष्ट्रीय कानून के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। अमेरिका ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन का यह कदम स्पष्ट रूप से यूक्रेन के आगे आक्रमण का बहाना बनाने के रूस के प्रयास का आधार है।

यूक्रेन रवाना हुई एयर इंडिया की फ्लाइट
रूस-यूक्रेन संकट के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए प्रयास शुरू हो गया है। मंगलवार सुबह एयर इंडिया का विशेष विमान यूक्रेन रवाना हो गया है। भारत की ओर से 200 से अधिक सीटों वाले ड्रीमलाइनर बी-787 विमान को विशेष अभियान के लिए तैनात किया गया है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति बोले- रूस ने शांति वार्ता को बर्बाद किया
वहीं समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस पर शांति वार्ता को बर्बाद करने का आरोप लगाया और मंगलवार की सुबह के शुरूआती घंटों में राष्ट्र के नाम एक संबोधन में किसी भी क्षेत्रीय रियायत को खारिज कर दिया है। इसके अलावा यूएनएससी की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लिट्स्या ने कहा कि हम शांति चाहते हैं, हम एक राजनीतिक और राजनयिक समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम उकसावे के आगे नहीं झुकते हैं।

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