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रूस-यूक्रेन वार: यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की आज पीएम मोदी से करेंगे बात, इस मुद्दों पर करेंगे चर्चा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से फोन पर बातचीत करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, बातचीत के दौरान पीएम मोदी जेलेंस्की के सामने भारतीय छात्रों की सुरक्षा और युद्ध को टालने जैसे मुद्दों को रखेंगे। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच 26 फरवरी को फोन पर बात हुई थी। जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ मतदान में भारत के भाग न लेने के बाद की भारत के राजनीतिक समर्थन की मांग की थी।

तब प्रधानमंत्री ने जारी संघर्ष के कारण जान-माल के नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की थी। पीएम मोदी हिंसा की तत्काल समाप्ति और बातचीत के लिए अपने आह्वान को दोहराया और शांति प्रयासों के लिए हर तरह से योगदान करने की भारत की इच्छा व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में मौजूद छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत की गहरी चिंता से भी उन्हें (यूक्रेन के राष्ट्रपति) अवगत कराया। उन्होंने भारतीय नागरिकों को तेजी से सुरक्षित निकालने के लिए यूक्रेन के अधिकारियों द्वारा सुविधा प्रदान करने की मांग भी की।

रूस के खिलाफ मतदान से  दूर रहा भारत
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख अहम है। भारत ने यूक्रेन के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजी है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ प्रस्तावों से परहेज किया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के भारत से राजनीतिक समर्थन की मांग पर पीएम मोदी ने शांति प्रयासों की दिशा में किसी भी तरह का योगदान करने की बात कही। मोदी ने युद्ध पर गहरी पीड़ा जाहिर की और हिंसा की तत्काल समाप्ति के लिए अपील की।





हाई-लेवल आफिसर्स के साथ मोदी ने कीं कई बैठकें
युद्ध छिड़ने के बाद से पीएम मोदी ने निकासी अभियान की प्रगति और रूस-यूक्रेन संकट की स्थिति की समीक्षा के लिए हाई-लेवल आफिसर्स के साथ कई बैठकें कीं। पिछले एक हफ्ते में आॅपरेशन गंगा के तहत 10,000 से अधिक भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकाला गया है। खार्किव और सूमी को छोड़कर यूक्रेन के शेष क्षेत्रों से लगभग सभी भारतीयों को निकाल लिया गया है।

युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए केंद्र सरकार ने आॅपरेशन गंगा चलाया है। इसे लेकर भारतीय नागरिकों के बाहर निकलने के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने की खातिर पहले ही यूक्रेन से संपर्क हो चुका है। विदेश मंत्रालय ने भी युद्धविराम की अपील की है, जिसे रूस ने चुनिंदा रूप से लागू किया है।

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