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अपनी मौत के परवाने पर खुद दस्तखत किये थे इमारत गिरने से मरने वालों ने

 मुंबई। सोमवार की देर रात मुंबई के कुर्ला में रहवासी इमारत गिरने से मरने वालों की संख्या बढ़कर दस हो गयी है। तीन लोग अब भी घायल हैं। अब एक बड़ी बात सामने आयी है। जो इमारत गिरी है, उसके लिए पहले ही मरम्मत की जरूरत बताई गयी थी। मरम्मत नहीं हुई और लोगों ने वहाँ रहना भी नहीं छोड़ा। उलटे उन्होंने नगरीय निकाय को लिखकर दिया था कि वह अपनी रिस्क पर उसी इमारत में रहना पसंद करेंगे ।
दरअसल, कुर्ला की नाइक नगर सोसायटी में स्थित आवासीय इमारत का एक ‘विंग’ सोमवार देर रात ढह गया। उसके नजदीक स्थित दूसरे ‘विंग’ के गिरने की आशंका भी बनी हुई है। घायलों को घाटकोपर तथा सायन के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया हे।
बृहन्मुंबई महानगर निगम (बीएमसी) के आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने सुबह बताया था कि  तीन लोगों की मौत हो गई है और चार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि नौ अन्य लोगों को प्राथमिक उपचार देने के बाद छुट्टी दे दी गई। लेकिन शाम होते-होते मरने वालों की संख्या दस तक पहुँच गयी।
चहल ने बताया कि दमकल विभाग के अनुसार, इमारत के मलबे में सात-आठ लोग ही फंसे हुए थे, जबकि पुलिस को संदेह है कि मलबे के नीचे और लोग हो सकते हैं।
चहल ने कहा, ‘‘ मैंने दमकल विभाग और एनडीआरएफ से सावधानी से (खोज एवं बचाव) अभियान चलाने का आह्वान किया है, क्योंकि मलबे के नीचे अब भी कुछ और जिंदा लोग हो सकते हैं।’’
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक दल ने मलबे में फंसी एक महिला को जिंदा बाहर निकाला है।
अधिकारी ने बताया कि दमकल कर्मी मलबे में फंसे अन्य लोगों की तलाश के लिए बचाव एवं तलाश अभियान चला रहे हैं।
उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद दमकल कर्मियों के मौके पर पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उन्हें मलबे में 20 से 22 लोगों के फंसे होने की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि दमकल की करीब 12 गाड़ियों के अलावा, दो बचाव वैन मौके पर तैनात है।
दमकल विभाग और एनडीआरएफ के दल नगर निकाय के कर्मचारियों और पुलिस के साथ घटनास्थल पर खोज एवं बचाव अभियान को अंजाम दे रहे हैं।
एनडीआरएफ के कमांडेंट अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि उनके दो दल खोज एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि ढह गए ‘विंग’ के नजदीक स्थित एक अन्य ‘विंग’ के गिरने की आशंका भी बनी हुई है और वहां से लोगों को निकाल लिया गया है।
अतिरिक्त नगर आयुक्त अश्विनी भिड़े ने बताया कि बृहन्मुंबई महानगर निगम (बीएमसी) ने मुंबई नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों के तहत 2013 से कई बार इस इमारत की मरम्मत कराने के लिए, फिर उसे खाली करने और गिराने के लिए नोटिस जारी किए।
खोज एवं बचाव अभियान का मुआयना करने मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी ने कहा, ‘‘ यहां तक कि नियमों का पालन ना करने वालों के खिलाफ मुकदमा भी शुरू किया गया। बाद में, इमारत में रहने वाले लोगों ने संरचनात्मक ‘ऑडिट’ फिर से करवाया और भवन को मरम्मत करने के लायक होने की श्रेणी में डाला गया, लेकिन मरम्मत नहीं कराई गई।’’
भिड़े ने बताया कि बीएमसी द्वारा इमारत खाली करने की लगातार कोशिशों के बावजूद लोग वहां रहते रहे। इमारत के निवासियों ने एक हलफनामा दिया था कि वे अपने जोखिम पर वहां रहेंगे।
महाराष्ट्र के पर्यावरण एवं पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी घटनास्थल का दौरा किया और खोज एवं बचाव अभियान की समीक्षा की।
इस महीने महानगर में इमारत गिरने की यह तीसरी बड़ी घटना है। 23 जून को चेंबूर इलाके में दो मंजिला औद्योगिक ढांचे का एक हिस्सा गिरने से 22 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 10 अन्य घायल हुए थे। नौ जून को उपनगरीय बांद्रा में तीन मंजिला आवासीय इमारत गिर गई थी, जिसमें 55 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 18 अन्य लोग घायल हुए थे।

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