जुलाई में PM मोदी पर हमले की साजिश रची थी PFI ने, निशाने पर थी पटना रैली : बड़ा खुलासा
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय ने दो दिन पहले टेरर फंडिंग के मामले में करीब एक दर्जन राज्यों में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान एजेंसी ने संगठन से जुड़े 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। इस बीच हिरासत में लिए गए व्यक्ति ने पूछताछ के बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने दावा कि संगठन ने बिहार के पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को निशाना बनाने की योजना तैयार की थी। खुलासा करने वाले व्यक्ति का नाम शफीक पायेथ है।
उसने खुलासा किया की उसे ट्रेनिंग भी दी गई थी कि कैसे माहौल को भड़काना है। हालांकि ये अपने मंसूबे को अंजाम नहीं दे पाए थे। इसके अलावा पीएफआई टेरर मॉड्यूल तैयार करने और अन्य हमलों की भी तैयारी कर रहा था। बताया जा रहा है कि संगठन को दुनियाभर से 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड भी मिला था। एक रिपोर्ट के अनुसार एजेंसी का कहना है कि पीएफआई ने इस साल 12 जुलाई को पीएम मोदी के पटना दौरे पर हमला करने के लिए ट्रैनिंग कैंप लगाया था। खास बात है कि साल 2013 में इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े आतंकियों ने भी उनकी रैली में धमाका किया था।
पायेथ पर है यह बड़ा आरोप
पायेथ पर आरोप है कि उसने भारत में एनआरआई खाते का इस्तेमाल कर पीएफआई के लिए विदेश से धन ट्रांसफर किया। रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने बताया है कि बीते साल पायेथ के ठिकानों पर रेड की थी। एजेंसी ने कहा, ‘पीएफआई और उससे जुड़ी संस्थाओं के खातों में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा किए गए थे। इसका एक बड़ा हिस्सा देश और विदेश से संदिग्ध स्त्रोत से कैश में जमा किया गया था।’
विदेश से जमा की गई रकम
ईडी ने आरोप लगाया कि पीएफआई ने विदेश में कोष इकट्ठा किया और उसे हवाला और अन्य माध्यम से भारत भेजा। ईडी ने कहा कि कोष पीएफआई/सीएफआई और अन्य संबंधित संगठनों के सदस्यों, कार्यकर्ताओं या पदाधिकारियों के खातों के जरिए भी भेजा गया। एजेंसी ने कहा कि विदेश से हासिल कोष को सरकारी एजेंसियों से छुपाया गया और पीएफआई द्वारा ऐसे कोष और चंदा जुटाने में नियमों का पालन नहीं किया गया, क्योंकि वह विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत नहीं है।