मध्यप्रदेश

मानसून सत्र का दूसरा दिन: सदन में पूरे समय गूंजते रहे यह दो मामले, देखने को मिली तीखी बसह भी

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा के बाहर से लेकर अंदर तक हंगामा देखने को मिला। सत्र के दौरान एक ओर जहां कांग्रेसी विधायकों ने पोषण आहार को लेकर जमकर हंगामा कर विधानसभा गेट पर पोषण आहार मामले को लेकर प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं, इस दौरान कांग्रेस विधायक बाला बच्चन और पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के बीच तीखी बहस भी हुई।

इसके बाद कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार ने कुपोषित बच्चों के पोषण आहार में बड़ा घोटाला किया है। कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्योपुर में चीतों के स्वागत के लिए आ रहे है वहीं श्योपुर कुपोषण के मामले में प्रदेश में नंबर-1 है।

नेता प्रतिपक्ष ने तानाशाही का लगाया आरोप
वहीं दूसरी ओर सदन के भीतर प्रवेश करने को लेकर भाजपा और कांग्रेस विधायकों में जोरदार बहस और झड़प देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भाजपा विधायक पर कांग्रेस विधायक के साथ धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह तानाशाही है यह लोग सदन नहीं चलाना चाहते।

गोविंद और नरोत्तम में हुई तीखी बहस
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने हमारे आदिवासी विधायक पांचीलाल मेढा की कॉलर पकड़ी और उन्हें धक्का भी दिया। इस बात को लेकर विपक्ष और गृहमंत्री के बीच जमकर बहस हुई। गृह मंत्री ने कहा कि हमारे विधायक की कॉलर पकड़ी गई है, यह सहन नहीं करेंगे। मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के लोग बाहर जाकर गाल बजाते हैं। लेकिन सदन नहीं चलने देते। बढ़ते विवाद को देख विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने मामले की जांच करा कर 2 दिन में रिपोर्ट सदन में पेश करने की बात कही है।

पोषण आहार में कोई गड़बड़ी नहीं: शिवराज
वहीं पोषण आहार मामले पर सदन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार का पक्ष रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पोषण आहार मामले में कोई गडबड़ी नहीं हुई है और विपक्ष केवल भ्रम फैला रहा है। पोषण आहार को लेकर सीएम शिवराज ने बताया कि आॅडिट रिपोर्ट में कहा गया कि जिस कार्यकाल में आहार की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गई और जो आहार अमानक पाए गए, वो कांग्रेस के कार्यकाल के थे। उन्होंने कहा कि हम सभी बुन्दुओं पर सीएजी को जवाब भेजेंगे और ये अंतिम रिपोर्ट नहीं है।

चर्चा से भागने का का प्रश्न ही नहीं उठता
वहीं इससे पहले नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कार्रवाई शुरू होने के बाद कहा- मेरा आग्रह है कि पहले मुख्यमंत्री को अपनी बात कहने दे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीएम पोषण आहार के मुद्दे को छोड़कर अन्य विषय पर वक्तव्य दें। इस पर सीएम बोलने के लिए उठे तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया उन्होंने कहा कि मैंने इस विषय पर सारी स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया। तो फिर चर्चा से भागने का प्रश्न ही नहीं उठता है।

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