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महाराष्ट्र का सियासी बवाल: तनाव के बीच उद्धव ठाकरे से मिले देशमुख, परमबीर की याचिका पर सुनवाई आज

मुंबई। महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री अनिल देशमुख के बीच मुलाकात हुई और माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच वरिष्ठ पुलिस अफसर रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट को लेकर चर्चा की गई है। वहीं, अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है।

सीएम और देशमुख की मीटिंग को लेकर पहले ऐसी चर्चा थी कि मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के बीच डीजी सुबोध जायसवाल द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर चर्चा की गई लेकिन बाद में अंदरुनी सूत्रों ने पचा चला कि रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट पर चर्चा हुई है।

कहा गया कि सरकार को गुमराह करके टैपिंग की गई है। यह रिपोर्ट थर्ड पार्टी की बातचीत पर आधारित है और गृह मंत्री से संबंधित कर्मचारियों के साथ बात की जांच को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं है। उस समय कोई ट्रांसफर नहीं किया गया था जब कोरोना के दौरान तीसरी बार बातचीत हुई।




फडणवीस ने किया था रश्मि की रिपोर्ट का जिक्र
बाद में कभी भी जो ट्रांसफर हुए, उसमें पुलिस एस्टैब्लिश्मन्ट बोर्ड के सभी सदस्यों के हस्ताक्षर थे, जिसमें सभी सदस्यों ने महानिदेशक और अन्य कई के हस्ताक्षर किए गए थे। रश्मि शुक्ला रिपोर्ट के अनुसार कई ट्रांसफर नहीं किए गए हैं इसलिए इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उस चिट्ठी का जिक्र किया था, जो राज्य के इंटेलिजेंस विभाग की अफसर रश्मि शुक्ला द्वारा लिखी गई थी। इसी चिट्ठी में रश्मि ने पुलिस के कुछ बड़े अफसरों और अन्य अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के रैकेट में शामिल होने का दावा किया, सबूत के तौर पर कुछ फोन रिकॉर्डिंग होने की बात भी कही।

रश्मि ने 25 अगस्त को लिखी थी चिट्ठी
इंटेलिजेंस विभाग में कमिश्नर रश्मि द्वारा ये चिट्ठी पिछले साल 25 अगस्त को लिखी गई थी। इस चिट्ठी में लिखा गया कि महाराष्ट्र के पुलिस विभाग में अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर को लेकर एक पदार्फाश हुआ है, जिसमें राजनीतिक कनेक्शन वाले कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं।

28 पुलिस इंस्पेक्टरों के ट्रांसफर
इस बीच मुंबई के एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन हत्याकांड के बाद मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के कई अफसरों पर गिर गई। मुंबई क्राइम ब्रांच में मंगलवार को बड़े पैमाने पर फेरबदल कर दिया गया। क्राइम ब्रांच के 28 पुलिस इंस्पेक्टरों का ट्रांसफर कर दिया गया और इनमें से ज्यादातर यूनिट के इंचार्ज हैं।

क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार अलग-अलग यूनिट के 28 पुलिस इंस्पेक्टर के अलावा 16 एपीआई जो डीटेक्शन का काम करते थे और 19 पुलिस सब इंस्पेक्टर्स का अलग-अलग थानों में ट्रांसफर कर दिया गया है। मनसुख हिरेन मर्डर केस का मुख्य आरोपी सचिन वाजे भी मुंबई क्राइम ब्रांच में एपीआई था। उसकी तैनाती सीआईयू नामक यूनिट में थी। उस पर कई संगीन आरोप हैं। वाजे पर इल्जाम है कि उसने अपने विभाग की टीम के लोगों को भी अपने साथ मिला लिया था।

परमबीर की याचिका पर आज सुनवाई
इस मामले की अहम कड़ी बन चुके मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है। परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है। इस बीच मुंबई के वकील जयश्री लक्ष्मणराव पाटिल ने भी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई और खुद को पक्ष बनाने की मांग की है।

डॉक्टर जयश्री लक्ष्मणराव पाटिल ने दाखिल की अर्जी
मुम्बई के वकील डॉक्टर जयश्री लक्ष्मणराव पाटिल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मुम्बई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका में खुद को पक्षकार बनाने की मांग की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान वो भी अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखना चाहते है। परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। अपनी याचिका में परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की हैं। साथ ही राज्य सरकार के उस आदेश को भी रद्द करने की मांग की जिसके तहत उनका ट्रांसफर मुम्बई पुलिस कमिश्नर के पद से हुआ था। ये वही वकील डॉ। जयश्री लक्ष्मणराव पाटिल है जिन्होंने अपने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

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