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ममता सरकार के चौथे महाधिवक्ता ने भी दिया इस्तीफ़ा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के महाधिवक्ता किशोर दत्त (Advocate General of West Bengal Kishore Dutt) ने ‘‘निजी वजहों’’ का हवाला देते हुए मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया और राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdip Dhankhad) ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा मंजूर कर लिया है। राज भवन ने यह जानकारी दी। दत्ता ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के कार्यकाल में इस्तीफ़ा देने वाले चौथे महाधिवक्ता हैं ।
धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 165 के अनुसार पश्चिम बंगाल के महाधिवक्ता, वरिष्ठ वकील किशोर दत्त का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया है।’’
फरवरी 2017 में प्रभार संभालने वाले दत्त पश्चिम बंगाल के चौथे महाधिवक्ता हैं जिन्होंने ममता बनर्जी के शासन के दौरान पद से इस्तीफा दिया है।
तृणमूल कांग्रेस के 2011 में सत्ता में आने के बाद सबसे पहले अनिंद्य मित्रा ने महाधिवक्ता का पदभार ग्रहण किया था और बाद में इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद इस पद पर आने वाले बिमल चटर्जी और जयंत मित्रा ने भी इस्तीफा दे दिया था।
नाराज चल रही थी बनर्जी ?
दत्ता पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ दायर मामलों में बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व करते थे. ऐसे में यह सवाल किया जा रहा है कि आखिल किशोर दत्ता ने अचानक क्यों इस्तीफा दिया ? क्या बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ उनका कोई विवाद हो गया है या अन्य कोई कारण है. हालांकि किशोर दत्ता ने अपने इस्तीफा पत्र में कारण को पूरी तरह से व्यक्तिगत बताया है, लेकिन इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं. चुनाव के बाद हिंसा और नारदा स्टिंग मामले (Narda Sting Case) सहित कई मामले में जिस तरह से बंगाल सरकार की आलोचना हो रही थी. उसे लेकर ममता बनर्जी एडवोकेट जनरल से नाराज थीं. राजनीतिक विश्वलेषकों कहना है कि संभवतः इसी कारण से किशोर दत्ता ने इस्तीफा दे दिया है.

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