कोरोनाकाल बीतते ही मालामाल हुए महाकाल: 110 दिनों में चढ़ गया 23 करोड़ का चढ़ावा
उज्जैन। भगवान शिव (Lord Shiva) के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) पर भक्तों की अगाध श्रद्धा है। महाकाल के दर्शन के लिए देश से लेकर विदेश तक के लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं साथ ही खूब चढ़ावा भी चढ़ाते हैं। कोरोनाकाल (corona period) का समय बीतने के बाद पिछले साढ़े तीन महीने में यहां पर आए चढ़ावे की रकम इसकी गवाही देती है। साढ़े तीन महीने में श्रद्धालुओं द्वारा 23 करोड़ रुपए (23 crore rupees) से अधिक का चढ़ावा चढ़ाया गया है। यह जानकारी मंदिर समिति के एक अधिकारी ने दी है।
बता दें मंदिर में मिली दान राशि 28 जून 2021 से लेकर 15 अक्टूम्बर 2021 यानी 110 दिन में आई राशि है। जिसकी जानकरी मंदिर के सहायक प्राशासक मूलचंद जूनवाल (Assistant Administrator Moolchand Junwal) द्वारा बताया गया है। खास बात यह है कि मंदिर की दान पेटी से विदेशी करेंसी भी निकली है। वहीं महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ (Ganesh Dhakad) ने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति को 28 जून से 15 अक्टूबर तक विभिन्न स्रोतों से 23, 03, 54, 538 रुपए की कुल राशि मिली है। इनमें मंदिर के शीघ्रदर्शन हेतु टिकट, लड्डू प्रसाद की बिक्री से हुई आय, भेंट पेटी, अभिषेक व भेंट से प्राप्त राशि, भस्म आरती बुकिंग और अन्य विविध आय शामिल हैं।
संसाधन भी जुटाने होंगे
महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि जिस तरह मंदिर का विस्तारीकरण हो रहा है। उसके लिए संसाधन भी जुटाने होंगे। इस लिए दान दाताओं से अपील हैं कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु दान कर अपना योगदान दें.राशि को हम बहुत पारर्दर्शिता के साथ मंदिर के कार्यों व आम जन की सुविधाओं में खर्च करते हैं।
इन स्रोतों से बाबा के खजाने में हुई आय
लड्डू प्रसाद- 8 करोड़ 20 लाख 54 हजार 750 रुपए
शीघ्र दर्शन टिकट- 7 करोड 53 लाख 25 हजार 250 रुपए
भेंट पेटी से आय- 5 करोड़ 66 लाख 12 हजार 384 रुपए
अभिषेक एवं भेंट से प्राप्त राशि- 92 लाख 130 रुपए
भस्म आरती बुकिंग से आय- 34 लाख 70 हजार 180 रुपए
अन्य विविध आय- 28 लाख 77 हजार 28 रुपए
अन्न क्षेत्र भेंट आय- 5 लाख 87 हजार 116 रुपए
ध्वजा एवं बुकिंग से आय- 2 लाख 27 हजार 700 रुपए
कुल आय- 23,03,54,538 (23 करोड़ 3 लाख 54 हजार 538 रुपए)
28 जून से फिर से खुला है मंदिर
मालूम हो कि कोरोना महामारी के दौरान आम आदमियों के लिए महाकाल का दरवाजा बंद कर दिया था। जिसके बाद 28 जून 2021 से इसे श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोला गया। धाकड़ ने बताया कि लड्डू प्रसाद की बिक्री से 8.20 करोड़ रुपए मिले हैं। वहीं मंदिर के शीघ्र दर्शन हेतु टिकट से 7.53 करोड़ रुपए और भेंट पेटियों से प्राप्त राशि 5.66 करोड़ रुपये शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर इस अवधि (28 जून से 15 अक्टूबर) में लड्डू प्रसाद निर्माण में लागत, कर्मचारियों के वेतन-भत्ते, साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यय, विद्युत-दूरभाष देयक, रखरखाव, दर्शन व्यवस्था व्यय आदि पर 17.66 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लड्डू प्रसाद निर्माण में लागत में 9.47 करोड़ रुपये लागत आई है, जबकि इसकी बिक्री से मात्र 8.20 करोड़ रुपये मिले हैं।
कोरोना के बाद मलामाल महाकाल
दरअसल विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में देशभर से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण 2021 के कुछ महिनों के लिए श्रद्धालुओं का प्रवेश मंदिर में बंद कर दिया गया था। इसके बाद संक्रमण दर कम होते ही मंदिर प्रबंध समिति ने निर्णय लेकर 28 जून को पुन: आम दर्शनार्थियों के लिये बाबा महाकाल का दरबार खोल दिया। इसके बाद 11 सितंबर 2021 से आम श्रद्धालुओं के लिए भस्म आरती में प्रवेश शुरू हुआ।