महाकाल में महाशिवरात्रि: गर्भगृह में बाबा का किया गया तांडव रूप में श्रृंगार, दर्शन मात्र से पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व के आठवें दिन बाबा तांडव स्वरूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। गर्भगृह में बाबा का तांडव स्वरूप में श्रृंगार किया गया। गुरुवार को महाशिवरात्रि के मौके पर नंदी हाल से लेकर परिसर को रंगोली और फूलों से सजाया गया है।
पं. आशीष गुरु ने बताया कि महादिन प्रदोष महाकाल का बड़ा महत्व है। प्रदोष के दिन भगवान महादेव भक्तों को तांडव रूप में दर्शन दे रहे हैं। तांडव के रचयिता भगवान महाकाल हैं। नृत्य के रचयिता बाबा महाकाल हैं। आज के दिन महाकाल के दर्शन मात्र से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
शुक्रवार रात 11 बजे से होगी महापूजा
गुरुवार रात 2.30 बजे गर्भगृह के पट खुल जाएंगे। 3.30 बजे से बाबा की पूजन आरती प्रारंभ होगी। शुक्रवार तड़के चार बजे से बाबा की भस्मारती होगी। सुबह 7.30 बजे दद्योदक आरती होगी। सुबह 10.30 बजे भोग आरती होगी। दोपहर 12 बजे भगवान का तहसील का अभिषेक होगा। चार बजे होल्कर और सिंधिया का अभिषेक होगा। रात 11 बजे से भगवान महाकाल की महापूजा शुरू होगी। जो पूरी रात चलेगी। 12 मार्च की सुबह छह बजे महाआरती होगी। उसके बाद सेहरा दर्शन होगा। दोपहर 12 बजे भस्मारती होगी।
कल सुबह छह बजे से लगातार 28 घंटे बाबा महाकाल भक्तों को देंगे दर्शन
आमतौर पर महाकाल मंदिर में शयन आरती के बाद बाबा महाकाल के गर्भगृह के पट बंद हो जाते हैं। मान्यता है, बाबा शयन में चले जाते हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा महाकाल भक्तों को लगातार 28 घंटे दर्शन देंगे। 11 मार्च की सुबह छह बजे से भक्त बाबा के दर्शन करना शुरू कर देंगे। जो अनवरत रूप से 12 मार्च की सुबह 10 बजे तक चलेगा। 12 मार्च को सेहरा दर्शन के बाद भक्तों को मंदिर में प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। उसके बाद दोपहर 12 बजे भस्मारती होगी। भस्मारती में आम लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।