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महाकाल में महाराशिवरात्रि: आधी रात खुले गर्भगृह के पट, महानिर्वाणी अखाड़े ने की बाबा की भस्मारती, हुआ दिव्य श्रृंगार

उज्जैन। उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर तड़के 2.30 बजे मंदिर के गर्भगृह के पट खोल दिए गए। उसके बाद पुजारियों ने विधि विधान से बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया। महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महराज ने बाबा महाकाल की भस्मारती की। महाकाल पिछले आठ दिनों से बाबा साकार स्वरूप में थे। आज निराकार रूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। सतत 24 घंटे पर बाबा का जलधारा से अभिषेक होगा। पुजारियों ने तड़के बाबा का पंचामृत अभिषेक किया। उज्जैन के सभी मंदिरों में आज महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। शिवालय बाबा के जयकारों से गूंज रहे हैं। उज्जैन में 84 महादेव मंदिर हैं। इन मंदिरों में भी बाबा के आकर्षक श्रृंगार व पूजन हुए।

महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को डेढ़ किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। प्रशासन ने ऐसी व्यवस्था की है, दूर दराज से आने वाले श्रद्धालु भी आसानी से दर्शन लाभ ले सकें। हालांकि डेढ़ किमी के दायरे में पेयजल की व्यवस्था भी है। सड़क पर कारपेट बिछा है। श्रद्धालुओं को धूप से बचने के लिए तिरपाल का टेंट भी लगाया गया है।

सभी तरह के श्रद्धालुओं को दर्शन के बाद निर्गम चैनल गेट से निकाला जाएगा। गणेश मंडपम से दर्शन के बाद श्रद्धालु निर्गम चैनल गेट से बाहर आएंगे। यहां ओंकारेश्वर मंदिर के बगल से म्यूजियम होते हुए बाहरी निर्गम द्वार से मंदिर परिसर से बाहर आ जाएंगे। उसके बाद बड़ा गणेश तिराहा होते हुए हरसिद्धि मंदिर चौराहे से चारधाम पार्किंग पहुंचेंगे। इंटरप्रिटीशन सेंटर पर बनी पार्किंग से गाड़ी लेकर श्रद्धालु जयसिंहपुरा चौराहा होते रेलवे क्रॉसिंग पार कर जंतर मंतर पहुंचेंगे।

मीडिया व पुजारियों को भस्मारती गेट नंबर चार से प्रवेश
महाशिवरात्रि की कवरेज के लिए मीडियाकर्मियों और पुजारियों को भस्मारती गेट क्रमांक चार से प्रवेश दिया जाएगा। मीडियाकर्मी और पुजारी अपने वाहनों को महाकाल थाने के पास महाराजवाड़ा स्कूल की पार्किंग में खड़ा करेंगे। दर्शन के बाद गुदरी, चौबीस खंबा, सिंहपुरी होते हुए बाहर निकलेंगे।

वीआईपी के लिए महाराजवाड़ा स्कूल में पार्किंग के इंतजाम
महाकाल दर्शन के लिए आने वाले वीआईपी के लिए हरिफाटक ब्रिज से बेगमबाग, कोट मोहल्ला होते हुए महाकाल चौकी के सामने महाराजवाड़ा स्कूल पार्किंग में वाहन खड़े करने इंतजाम किए गए हैं। वीआईपी को मंदिर में भस्मारती गेट क्रमांक चार से प्रवेश दिया जाएगा। उसके बाद विश्रामधाम, सभा मंडप होते हुए गणेश मंडपम से दर्शन कराया जाएगा। कर्मचारियों के लिए वाहनों की पार्किंग माधव सेवा न्यास पार्किंग में रहेगी।

ये व्यवस्था भी रहेगी
देवास गेट, रेलवे स्टेशन और नानाखेडा बस स्टैण्ड से आने वाले श्रद्धालु लोक परिवहन वाहनों से हरिफाटक ब्रिज टी होते हुए इंटरप्रिटीशन सेंटर की पार्किंग में आएंगे जहां स्टॉपर लगाकर पूर्व से बने स्टॉपेज पर श्रद्धालुओं को उतारेंगे। तत्काल बाईं तरफ मुड़कर ब्रिज के किनारे होते हुए गदा पुलिया शहर की ओर जाएंगे। गदा पुलिया से इंटरप्रिटीशन (ब्रिज के नीचे होते हुए) वन-वे रहेगा। गोपाल मंदिर, छत्री चौक, ढाबा रोड, कार्तिक मेला ग्राउण्ड, शंकराचार्य से आने वाले श्रद्धालु दानी गेट से लोक परिवहन वाहन (आटो, मैजिक, ई-रिक्शा) से रामानुज कोट, हरसिद्धी पाल के नीचे वाली रोड पर श्रद्धालुओं को उतार कर गुदरी होते हुए शहर की ओर जाएंगे। हरसिद्धी पाल से हरसिद्धी चौराहे तरफ कोई भी वाहन नहीं जाएगा।

कोट मोहल्ला से मंदिर की तरफ, चौबीस खम्बा से मराठा धर्मशाला से मंदिर की तरफ, उर्दू स्कूल टर्निंग से माधव सेवा न्यास एवं मंदिर तरफ, बेगमबाग सीमेंटेड रोड तिराह से भारतमाता मंदिर तिराहे तरफ इंटरपिटेशन से चारधाम तरफ, जयसिंहपुरा से चारधाम तरफ, नृसिंह घाट से हरसिद्धी चौराहे तरफ लोक परिवहान एवं अन्य वाहनों (वीआईपी एवं मीडिया के चार पहिया वाहनों को छोडकर) के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।

ओंकारेश्वर में सुबह 5 घंटे जल चढ़ाने की अनुमति
ओंकारेश्वर में महाशिवरात्रि पर सुबह 4:00 बजे मंदिर खोले जाएंगे। इसके बाद श्रद्धलु सुबह 8:00 बजे तक ज्योतिर्लिंग श्री ओंकारेश्वर भगवान के समीप लगे पात्र में जल चढ़ा सकेंगे। पर्व काल पर बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए सुबह 5 घंटे ही जल चढ़ाने की अनुमति रहेगी। सुबह 8:00 के बाद शाम 6:00 बजे तक जल मंदिर परिसर में अलग-अलग जगह पात्र रखकर संस्थान के कर्मचारियों द्वारा उनमें श्रद्धालुओं द्वारा लाया गया जल, पुष्प, प्रसाद एकत्र किया जाएगा।

मंदिर 24 घंटे खुला रहेगा। दर्शन की व्यवस्था सामान्य रहेगी। श्रद्धालु सामान्य कतार में लगकर दर्शन पा सकेंगे। प्रशासन का टारगेट 1 मिनट में 5 लोगों को दर्शन कराने का है। पर्व को देखते हुए मंदिर पर विद्युत साज-सज्जा भी की गई है। सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से जगह-जगह जवानों की तैनात रहेंगे। नर्मदा तट पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को सचेत करने के उद्देश्य उद्घोषणा केंद्रों के माध्यम से उद्घोषणा होती रहेगी। स्नान के मुख्य घाटों पर सुरक्षा नाव की भी लगाई जाएगी।

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