मंत्रियों को महंगाई के बारे में नहीं पता, पत्नियों से पूछें कैसे चला रहीं रसोई: बदरुद्दीन का केन्द्र पर हमला
गुवाहाटी। देश में तेजी से बढ़ रही महंगाई की वजह से आम आदमी की कमर टूट रही है। जिसको लेकर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष हमलावर है। यहां तक की कांग्रेस ने कल शुक्रवार को महंगाई के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया है। वहीं अब इस मामले में आॅल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने भी भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने आम लोगों की पीड़ा के प्रति सरकार की कथित उदासीनता के लिए सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की आलोचना की है।
महंगाई के मुद्दे पर बदरुद्दीन ने सरकार को घेरते हुए कहा कि भारत का पैसा वित्त मंत्री के पास है। उन्हें कैसे पता लगेगा कि एक आदमी कुछ जरूरी सामाना खरीदने के लिए कितना खर्च करता है? भाजपा के किसी मंत्री के लिए महंगाई नहीं है। भाजपा सांसदों को अपनी पत्नियों से पूछना चाहिए कि वे रसोई कैसे चल रही है? उन्होंने बीजेपी को चेतावनी भी दी है। सरकार को बढ़ती महंगाई पर ध्यान देना चाहिए अन्यथा 2024 में महंगाई उनकी सरकार को खा जाएगी।
उन्होंने कहा, महंगाई आसमान को छू गई। कुछ समय पहले महंगाई-महंगाई करके ही भाजपा सत्ता में आई थी। अब गरीबों की कमर टूट गई। महिलाएं घर नहीं चला पा रही हैं। गैस सिलेंडर मिल नहीं रहा है। डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। बाजार में सब्जी-दाल, चावल सब कुछ महंगा हो गया। 100 प्रतिशत से ज्यादा महंगा हो गया। उन्होंने कहा, सीतारमण जी वित्तमंत्री हैं। सारा पैसा उनके पास है। वो रिजर्व बैंक की मालिक हैं। उनको कैसे पता चलेगा बावर्ची जाकर कितने पैसे में क्या चीज लाता है। किसी कैबिनेट मंत्री को नहीं पता चलेगा घर कैसे चलता है। उन्हें तो अच्छा खाना मिलता है।
महंगाई के विरोध में कल सड़कों पर उतरी थी कांग्रेस
हाल के महीनों में आसमान छूती महंगाई को लेकर विपक्षी दलों ने बीजेपी नीत केंद्र पर निशाना साधा है। हमले का नेतृत्व कांग्रेस कर रही है, जिसके नेताओं ने शुक्रवार को कीमतों में वृद्धि और बेरोजगारी के खिलाफ देशव्यापी विरोध में सड़कों पर उतरे। दिल्ली में कांग्रेस नेताओं ने घेराव और हिरासत में लिए जाने से पहले प्रधानमंत्री आवास का घेराव और राष्ट्रपति भवन तक एक विरोध मार्च की योजना बनाई थी। देश भर के पार्टी कार्यकतार्ओं ने राजभवनों के बाहर विरोध प्रदर्शन और धरना दिया।
काले कपड़े पहने हुए सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने संसद में प्रभारी का नेतृत्व किया, जहां पार्टी के सांसदों ने एक विरोध मार्च निकाला और उन्हें विजय चौक पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जब वे राष्ट्रपति भवन जा रहे थे। प्रियंका गांधी ने यहां एआईसीसी मुख्यालय का नेतृत्व किया, जहां नाटकीय गतिरोध के बीच पुलिस ने सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया।