निवेश बढ़ाने जुगत: मप्र सरकार जल्द पेश करेगी बिजली से चलने वाली गाड़ियों के लिए औद्योगिक नीति
इंदौर। मध्यप्रदेश के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने गुरुवार को कहा कि मप्र सरकार बिजली से चलने वाली गाड़ियों के लिए जल्द ही औद्योगिक नीति पेश करेगी। इसके जरिये सूबे में इस उभरते क्षेत्र में नया निवेश लाने की कोशिश की जाएगी। यह बात उन्होंने वाहन और इनके कलपुर्जों के निर्माण के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के इंदौर में आयोजित पहले मध्यप्रदेश आटो शो के उद्घाटन के बाद मीडिया से कही।
उन्होंने बताया के बिजली से चलने वाली गाड़ियों के लिए हम अपनी औद्योगिक नीति को अंतिम रूप दे रहे हैं और इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही पेश करेंगे। हम इस क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश आर्किषत करना चाहते हैं। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ल ने बताया कि प्रदेश सरकार की कोशिश थी कि बिजली से चलने वाली गाड़ियों पर केंद्रित औद्योगिक नीति को पहले मध्यप्रदेश आॅटो शो में पेश किया जाए।
खास बात यह है कि इसके कुछ बिंदुओं को अंतिम रूप दिया जाना बाकी रह जाने के कारण ऐसा नहीं किया जा सका। शुक्ल ने कहा कि यह नीति मई या जून में पेश कर दी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश आॅटो शो में वाहन तथा इनके कलपुर्जे बनाने वाली 100 से ज्यादा कंपनियां भाग ले रही हैं और इस तीन दिवसीय आयोजन में आम लोग नि:शुल्क प्रवेश कर सकते हैं।
कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री दत्तीगांव ने वाहन, सेमीकंडक्टर चिप और इनके अन्य कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों को सूबे में निवेश का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि इंदौर के पास पीथमपुर स्थित ‘नेशनल आटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (एनएटीआरएएक्स)’ अपनी तरह की एशिया की सबसे बड़ी सुविधा है और निवेशक इसका लाभ भी ले सकते हैं।
दत्तीगांव ने बताया कि राज्य सरकार ने पीथमपुर और मंडीदीप के औद्योगिक क्षेत्रों में वाहन विनिर्माता कंपनियों को कुल 4,500 हेक्टेयर जमीन पहले ही मुहैया करा रखी है और देश के केंद्र में स्थित सूबे में इस क्षेत्र की नयी इकाइयों के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य की वाहन विनिर्माण इकाइयों से हर साल करीब 1,500 करोड़ रुपये का निर्यात किया जाता है और इन कारखानों से दो लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है।