नहीं मान रहे हड़ताली जूडा: मंत्री से मुलाकात भी बेअसर, रख दी तीन और यह शर्तें
मध्य प्रदेश: भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पिछले एक हफ्ते से जारी जूनियर डॉक्टरों (junior doctors) की हड़ताल (strike) का अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। आज रविवार को कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों पक्षों के बीच सुलह हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) और जूनियर डॉक्टरों के बीच हुई मुलाकात के बाद हड़ताल खत्म नहीं हुई और हड़ताली जूडा ने अपनी तीन मांगे और सरकार के सामने रख दी।
मंत्री ने कहा, हमने जूडा की मांगें पहले ही मान ली हैं। जूडा हाईकोर्ट (High Court) के आदेश का सम्मान कर हड़ताल वापस ले और काम पर लौटे। वही, मंत्री से मिलने के बाद मध्यप्रदेश जूडा अध्यक्ष डॉक्टर अरविंद मीणा (Juda President Dr Arvind Meena) ने कहा, हम मंत्री जी से मिलने खुद आए थे। हम हड़ताल खत्म करना चाहते है, लेकिन मंत्री जी ने हमारी मांगों को लेकर न तो कोई आदेश दिया न कोई मीडिया (Media) के सामने कोई आश्वासन दिया। हमारी हड़ताल आगे भी जारी रहेगी।
रविवार सुबह जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (Junior Doctor Association) की तरफ से सरकार (Government) को बातचीत कर मामले का हल निकालने के लिए वीडियो जारी कर अनुरोध किया गया था। इस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जूडा को हाईकोर्ट का सम्मान कर हड़ताल वापस लेना चाहिए। उन्होंने मांगों को लेकर भी अपनी बात कही है। शाम 4 बजे जूनियर डॉक्टर मंत्री विश्वास सारंग के बंगले पर मिलने पहुंचे, लेकिन मंत्री बंगले पर नहीं थे। इस पर जूडा ने उनका इंतजार किया। कुछ देर बाद मंत्री पहुंचे और जूनियर डॉक्टरों से बातचीत हुई।
जूडा की यह हैं तीन और शर्तें
1- 31 मई के बाद इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों पर की गई कार्रवाई को वापस लिया जाए। 2- 2018 के जूडा डॉक्टर, जिनका 3 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है उनको सीनियर रेजीडेंट (SR) माना जाए। 3- सरकार ने 17% स्टाइपेंड बढ़ाने पर सहमति दी है, जूडा 24% बढ़ाने की मांग की थी। अब जूडा ने 17 % के साथ बढ़ाने के साथ प्रतिमाह 3 या 4 चार हजार रुपये बढ़ाने की मांग की है।
मंत्री ने 3 साल का स्टायपेंड एक साथ बढ़ाने कही बात
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जूडा से हमने लगातार बातचीत की है। हमारी सरकार संवाद स्थापित करने वाली है। जूनियर डॉक्टरों का स्टॉयपेंड (stipend) 3 साल से नहीं बढ़ा था। हमने एक साथ बढ़ाने का निर्णय लिया है। हर साल 6 प्रतिशत का इजाफा किया है। डॉक्टरों की मांग थी कि कोरोना के समय उनका निशुल्क इलाज हो। हमने परिवार को निशुल्क इलाज देने का बोला। सरकार ने दरियादिली दिखाते हुए मांगों को माना है। सुरक्षा के लिए हर जगह पुलिस चौकी की स्थापना करने के लिए कहा दिया। जूडा को हाई कोर्ट के निर्देश अनुसार हड़ताल वापस लेना चाहिए। मरीजों का हित हम सभी के लिए सर्वोपरि है। कांग्रेस के नेता जूडा के मामले में राजनीति कर रहे है।