मध्यप्रदेश

जूडा-सरकार के बीच बढ़ी तनातनी: डॉक्टर का आरोप- हड़ताल खत्म कराने परिवार को किया जा रहा प्रताड़ित

मध्यप्रदेश: भोपाल। मध्यप्रदेश में अपनी मांगों को लेकर हड़ताल (strike) कर रहे जूनियनर डॉक्टरों (junior doctors) और सरकार (Government) के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है। जूनियर डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि हड़ताल खत्म करने के लिए हम पर दबाव बनाने के साथ परिवार को भी प्रताड़ित (harassed) किया जा रहा है। भोपाल जूडा एसोसिएशन (Juda Association) के अध्यक्ष डॉ. हरीश पाठक (Dr. Harish Pathak) ने वीडियो जारी कर सरकार पर आरोप लगाया है कि हमारे बूढ़े मां-बाप (old parents) को पुलिस जबरन प्रताड़ित कर रही है और उन पर भी दबाव बनाया जा रहा है कि उनका लड़का अपनी मांगों को वापस ले।

डॉ. पाठक ने कहा कि क्या सरकार इस चीज पर आ गई है कि एक छोटा सा जूनियर डॉक्टर (junior doctor) अपने मां-बाप की सेवा नहीं कर सकता। मैं बहुत परेशान हूं कि जिन मां-बाप से एक साल से मिल नहीं पाया और दो से तीन दिन तक बात नहीं कर पाया। उनको मेरा पास रात 12 बजे फोन आया कि तुम वापस आ जाओ। यह पुलिस (Police), सरकार (Government) , प्रशासन (Administration) तुम्हारा कुछ भला नहीं करेंगी। यह तुम्हें छोड़ों हमें प्रताड़ित कर रहे है। डॉ. पाठक ने कहा कि कोविड (Covid) में काम करने के लिए यह इनाम मिला है। अब मैं कुछ नहीं करना चाहता। आज हमारी हर एक देशवासी से यह गुजारिश है कि इस चीज को समझें और हमारा इसमें साथ देते हुए हमारी मजबूरी हमारे काम और हमारे बलिदान की इज्जत करें।





बता दें एक दिन पहले ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Vishwas Sarang) ने जूनियर डॉक्टर्स (junior doctors) की हड़ताल को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने जूनियर डॉक्टर्स पर ब्लैकमेलिंग (blackmailing) करने की बात कर मरीजों के हित में कार्रवाई करने के लिए मजबूर होने की चेतावनी दी। इस बयान को लेकर junior doctors में नाराजगी है। डॉ. पाठक ने कहा कि पिछले 6 महीने से हम सरकार से अपनी बहुत छोटी मगर अहम मांगों को लेकर चर्चा की। सरकार ने उनको पूरा करने का हमें आश्वासन दिया। 6 मई 2021 को हमारी मीटिंग में उसे पूरा करने का निर्णय लिया गया, लेकिन कई दिनों तक इसके कोई लिखित आदेश नहीं निकाले। इससे विवश होकर मध्य प्रदेश जूडा एसोसिएशन (Juda Association) ने परेशान होते हुए अपनी मांगों को रखने के लिए सरकार से गुजारिश की और काम बंद करने पर मजबूर हो गए। इन चीजों को देखते हुए भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए।

पिछले 1 साल से मध्य प्रदेश के पूरे जूनियर डॉक्टर्स बिना थके बिना रुके कोविड (Covid) के इस महामारी (Pnademic) में पूरी जी जान लगाकर काम कर रहे थे। जब बात हमारे सम्मान हमारे अधिकार की आई और हमने इन चीजों को लेकर सरकार के सामने अपनी बातें रखी तो सरकार ने इसे नजरअंदाज किया। डॉ. पाठक ने कहा कि शासन और प्रशासन अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए इस हद तक आ चुका है कि वह जिनको कोरोना वारियर्स (corona warriors) बोलते हैं आज उन्हीं को नहीं उनके माता-पिता तक को प्रताड़ित करने लगे हैं। डॉक्टर ने पिछले साल भर मौत को बहुत ही नजदीक से देखकर मरीजों का इलाज किया है और उनको मौत के मुंह से निकाला है। साथ ही अपने मित्र परिजन टीचर्स सबको एक-एक करके खोया भी है।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button