श्रीराम मंदिर ट्रस्ट मामला: स्वामी स्वरूपानंद बोले चंपत राय को मोदी ट्रस्ट से तुरंत हटाएं
मध्यप्रदेश। अयोध्या (Ayodhya) श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट पर लगे जमीन घोटाले के मामले में अब शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Swaroopanand Saraswati) भी शामिल हो गए हैं। शंकराचार्य ने प्रधानमंत्री मोदी (modi) से ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) को गैरजिम्मेदार बताते हुए हटाने की मांग की है।
द्विपीठाधीश्वर जगतगुरु ने नरसिंहपुर (Narsinghpur) जिले के झोतेश्वर में परमहंसी गंगा अश्रम में प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने अयोध्या में हो रहे मंदिर निर्माण में लगे ट्रस्ट के बहाने RSS और BJP पर जमकर निशाना साधा। शंकराचार्य ने कहा है कि सरकार ने ट्रस्ट बनाया और उसमें भ्रष्टाचारियों को शामिल कर लिया गया। चंपत राय कौन थे। यह पहले कोई नहीं जानता था, लेकिन उन्हें राम मंदिर ट्रस्ट में सर्वे सर्वा बना दिया गया। बता दें कि इससे पहले राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट पर पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने जमीन खरीदी के नाम पर घोटाला करने का संगीन आरोप लगाया था।
मोदी सरकार पर भी निशाना
उन्होंने बिना नाम लिए केंद्र में बैठी मोदी सरकार पर भी गोहत्या बंद न कराने को लेकर निशाना साधा। शंकराचार्य ने कहा की गो हत्या बंदी के लिए जब इनकी संख्या संसद में 2 थी, तब लंबे समय तक संघर्ष किया गया, जब संसद में इनकी संख्या 200 से ज्यादा हो गई तो यह गोहत्या बंदी का नारा भूल गए।
अशुभ मुहूर्त में किया शिलान्यास
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मंदिर के शिलान्यास पर भी सवाल उठाए, उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास में शुभ मुहूर्त का ध्यान नहीं दिया गया, मंदिर का शिलान्यास अत्यंत अशुभ मुहूर्त में किया गया है। जिसका हम ने विरोध भी किया लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसी के कारण न्यासियों की बुद्धि खराब हो रही है, जिसका उदाहरण प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है।
चंपत राय के बयान का विरोध
शंकराचार्य ने चंपत राय पर निशाना साधते हुए कहा कि मंदिर निर्माण के लिए जो राशि आई उससे महंगे दामों पर जमीन खरीदी जा रही है। ऐसे में चंपत राय कह रहे हैं कि हम पर गांधी जी की हत्या का भी आरोप लग चुका है। हम आरोपों की परवाह नहीं करते तो इतने गैर जिम्मेदार लोग किस तरह से न्यास पर बैठे हुए हैं। इन्हें तत्काल प्रधानमंत्री को न्यास पद से हटा देना चाहिए।