मध्यप्रदेश

राजस्व विभाग की समीक्षा कर बोले शिवराज- ड्रोन तकनीक में आगे बढ़ रहा MP, स्वामित्व योजना में भी हम सबसे आगे

भोपाल। भूमि संबंधी रिकार्ड के डिजिटाइजेशन (Digitization) के कार्य में प्रदेश में सराहनीय कार्य हुआ है। भारत सरकार द्वारा स्वामित्व योजना (svamitv yojana) में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) को सभी राज्यों में बेहतर माना गया है। प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने हरदा में हुए कार्य की प्रशंसा की थी। मध्यप्रदेश ड्रोन तकनीक (drone technology) के उपयोग में भी आगे बढ़ रहा है। निरंतर ड्रोन तकनीक का विस्तार करते हुए वर्षांत तक 60 ड्रोन उपलब्ध करवाए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने यह बात राजस्व विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान कही।

वहीं उन्होंने कहा कि ड्रोन फ्लाइंग के लिए 50 हजार ग्रामों का लक्ष्य और अधिकार अभिलेख निर्माण के लिए 42 हजार ग्रामों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वामित्व योजना का विस्तार कर प्रदेश के सभी जिलों को लाभान्वित किया जाए। गत माह वाराणसी कॉन्क्लेव (Varanasi Conclave) में भी मध्यप्रदेश की इस उपलब्धि की चर्चा हुई थी। विभाग के अन्य सकारात्मक कार्यों से भी नागरिकों को अवगत करवाने की ठोस पहल की जाएगी। वहीं CM ने राजस्व विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी और विभिन्न उपयोगी पोर्टल के अधिकाधिक उपयोग के निर्देश दिए।

स्वामित्व योजना में सबसे आगे मध्यप्रदेश
स्वामित्व योजना में प्रदेश में 4971 ग्रामों में अधिकार अभिलेख प्रकाशन का कार्य पूरा हो गया है। प्रदेश में ड्रोन तकनीक का उपयोग कर 8 हजार 331 नक्शे तैयार किए गए। प्रदेश में ड्रोन फ्लाइंग (drone flying) ग्रामों की संख्या इस समय 13 हजार 765 है। संशोधन के उपरांत 6 हजार 307 नक्शों को अंतिम रूप दिया गया। प्रदेश के 3500 ग्रामों के 2.71 लाख अधिकार अभिलेख समारोहपूर्वक वितरित किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने 06 अक्टूबर 2021 को वर्चुअली प्रदेश के हितग्राहियों को इनका वितरण किया था। मध्यप्रदेश को भारत सरकार (Indian government) द्वारा 11 में से 11 अंक प्रदान कर सबसे आगे माना गया है। इस कार्य में मिजोरम (Mizoram), हरियाणा (Haryana), सिक्किम (Sikkim), दमन दीव (Daman Diu), आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) और कर्नाटक (Karnataka) 8 से 10 अंक प्राप्त करने वाले राज्यों में शामिल हैं।





वैज्ञानिक तरीके से कराएं फसल के क्षति का आकलन
सीएम ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के पश्चात यह बहुत आवश्यक है कि वास्तविक प्रभावित व्यक्तियों को राहत राशि मिले। इसके लिए यह जरूरी है कि क्षति का आंकलन सही-सही हो। इस दिशा में वैज्ञानिक उपायों पर अमल किया जाए। वर्तमान में क्षति के आकलन का जो तरीका है, उसमें कुछ दोष हो सकते हैं। इन दोषों को दूर करते हुए नवीन तकनीक और नवीन विधियों का उपयोग कर एक मॉडल विकसित किया जाए। कृषि और राजस्व विभाग समन्वय कर इस कार्य को पूरा करें।

नवाचारों को जानेगी आम जनता
मुख्यमंत्री ने राजस्व कार्यों से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए किए गए प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि आम जनता को ऐसे महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी विभिन्न प्रचार माध्यमों से प्रदान की जाए। विभागीय नवाचारों से आमजन को अवगत करवाने के लिए जिला और तहसील स्तर पर कार्यशालाएँ हों। भू-अर्जन के प्रकरणों का आनलाइन निपटारा करने के लिए मॉड्यूल निर्माण की पहल की गई है। इसके अंतर्गत इसी माह मॉड्यूल का उपयोग प्रारंभ हो रहा है।

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