मध्यप्रदेश

जूडा strike: बातचीत हो तो खत्म हो सकता है आंदोलन, सरकार और जूडा ने दिए संकेत

मध्यप्रदेश: भोपाल। प्रदेश में सात दिनों से जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल (junior doctors strike) अब जल्द ही समाप्त हो सकती है। क्योंकि सरकार और जूडा दोनों ओर से सोशल मीडिया (social media) पर बातचीत के लिए पहल की जा रही है। एक दिन पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Vishwas Sarang) के सोशल मीडिया पर बातचीत के लिए द्वार खुले होने की बात कहने के बाद अब जूडा ने भी बातचीत से गतिरोध खत्म करने की बात कही है।

इधर, मध्य प्रदेश जूडा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरविंद मीणा (Arvind Meena) ने एक वीडियो जारी कर कहा कि प्रदेश में पिछले 6 दिनों से जूडा का आंदोलन चल रहा है। जिसमें हमारा अनुरोध है कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री जूडा से किए वादे पूरे करें। प्रदेश का पूरा जूडा एसोसिएशन मामले का हल बातचीत से निकालने के लिए भोपाल में उपस्थित है, लेकिन अब तक हमें कहीं से भी कोई आधिकारिक बुलावा नहीं आया है। जूडा परेशान होने के साथ ही मरीजों के लिए चिंतित भी है। हमारा मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री से अनुरोध है कि जूडा से मिले और जल्द से जल्द गतिरोध खत्म करें। ताकि जूडा मरीजों के हित में आंदोलन को खत्म कर जल्द से जल्द काम पर लौटे।





हड़ताल का अब तक पूरा घटनाक्रम
31 मई से जूडा एसोसिएशन अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चला गया था।

3 जून को हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टरों की मांगों को अवैध करार देकर 24 घंटे में वापस लेने को कहा था। ऐसा नहीं करने पर सरकार को कानून के अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इस आदेश के तुरंत बाद सरकार के निर्देश पर जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेज के 468 पीजी फाइनल ईयर के छात्रों के नामांकन रद्द कर दिए। इसके बाद अब यह छात्र परीक्षा देने के लिए योग्य नहीं रहे। इस बात से नाराज प्रदेश भर के करीब 2500 जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देना शुरू कर दिया।

4 जून को सरकार ने कोर्ट का 24 घंटे का समय पूरा होने पर कोर्ट के निर्देश के अनुसार कार्रवाई करने को कहा। जीएमसी डीन ने हड़ताल पर जाने वाले 28 डॉक्टरों को हॉस्टल खाली करने और सीट छोड़ने पर बांड की शर्तों के अनुसार पैसा जमा करने के लिए लिखा।

5 जून को जूनियर डॉक्टर ने हॉस्टल खाली कर एडमिन ब्लॉक के बाहर सामान रख कर प्रदर्शन किया। एप्रन में खून लगाकर टांगा। रक्त दान किया और दूसरी जगह कोरोना वॉरियर्स के सर्टिफिकेट भी लौटाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा कि जूडा को हड़ताल समाप्त करना चाहिए। हमारे द्वार बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं। ग्वालियर में भी हड़ताल का समर्थन करने वाले 46 सीनियर डॉक्टरों के इस्तीफे मंजूर कर लिए गए। मेडिकल कॉलेज के डीन ने इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों को नोटिस जारी किए। इसमें सीट छोड़ने के एवज में बांड भरने के साथ ही हॉस्टल खाली करने के नोटिस भेजा।

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