मध्यप्रदेश

मप्र विधानसभा का शीत सत्र कल से: प्रश्नकाल के दौरान माननीयों को नहीं मिलेगी यह सुविधा, ओबीसी का मुद्दा भी चढ़ाएगा पारा

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) का शीतकालीन सत्र (winter session) कल सोमवार से शुरू होने जा रहा है। जिसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम (Assembly Speaker Girish Gautam) की अध्यक्षता में आज रविवार को सर्वदलीय बैठक (all party meeting) हुई। बैठक में संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Parliamentary Affairs Minister Dr. Narottam Mishra), मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया (Arvind Singh Bhadauria) सहित नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ (Leader of Opposition Kamal Nath), एनपी प्रजापति (NP Prajapati), सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma), गोविंद सिंह (Govind Singh), बसपा विधायक संजीव सिंह (BSP MLA Sanjeev Singh), सपा विधायक राजेश शुक्ला (SP MLA Rajesh Shukla) शामिल हुए। विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने सत्तापक्ष और विपक्ष से प्रश्नकाल को बिना बाधा के संपन्न कराने के लिए सहयोग मांगा है।

वहीं बैठक में सहमति बनी है कि सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सदस्य लिखित प्रश्न नहीं पूछेंगे और न ही मंत्री लिखित उत्तर पढ़ेंगे। संबंधित सदस्य को सीधे पूरक प्रश्न पूछना होगा। जिससे कि प्रश्नकाल के दौरान अधिक से अधिक सदस्यों को मौका मिल सके। साथ ही तय किया गया कि 22 दिसंबर को प्रश्नकाल में सिर्फ उन्हीं सदस्यों के प्रश्न शामिल किए जाएंगे, जो पहली बार निर्वाचित हुए हैं या महिला सदस्य हैं।

कल शुरू हो रहे सत्र में ओबीसी आरक्षण की गूंज सुनाई देगी। बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस (Congress) पिछड़ा वर्ग विरोधी (anti backward class) है। हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने कहा कि विधानसभा सत्र की अवधि बहुत कम है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए। कम अवधि के सत्र में सार्थक चर्चा नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि सत्र में जनहित के मुद्दे उठाएंगे। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है। हम ओबीसी का, किसानों के खाद बिजली का मुद्दा विधानसभा में उठाएंगे।

एक दिन महिला विधायकों का
प्रश्नकाल में एक दिन पहली बार की महिला विधायकों के नाम रहेगा। 22 दिसंबर को इन MLA को प्रश्न काल में मौका दिया जाएगा। गौरतलब है कि पहली बार की महिला विधायकों (Women MLAs) में भाजपा की गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर (Krishna Gaur), शमसाबाद विधायक राजश्री (Rajshri), बासौदा विधायक लीला जैन (Leela Jain) व जैतपुर विधायक मनीषा सिंह (Manisha Singh), कांग्रेस विधायक गाडरवाड़ा की सुनीता पटेल (Sunita Patel), पानसेमल की चंद्रभागा किराडे (Chandrabhaga Rent) व रैगांव विधायक कल्पना वर्मा Kalpana Verma() और बसपा की पथरिया विधायक रामबाई (Rambai) शामिल हैं।

वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने शीतकालीन सत्र को 15 दिन तक करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 5 दिन का सत्र छोटा होता है। जनता से जुड़े और कई मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष इन मुद्दों पर चर्चा के लिए हमेशा तैयार रहता है, लेकिन सत्ता पक्ष सत्र को छोटा कर इन मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम कर रहा है।

नवाचार के साथ होगा सत्र- गौतम
सर्वदलीय बैठक के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि हमारी कोशिश जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा करना है। इस बार के सत्र में कई नवाचार किए जा रहे हैं। विधायकों से कहा गया है कि वह सवाल और जवाब पहले से स्टडी करके आएं. सिर्फ पॉइंट-टू-पॉइंट बात होने से सदन का समय बचेगा। सत्र की अवधि बढ़ाने की विपक्ष की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दिन नहीं बढ़ाए जा सकते, लेकिन सदन का समय बढ़ाया जाएगा। शाम को 5 बजे की जगह देर शाम तक सत्र चलाया जाएगा.

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