कार्यशाला में बोले शिवराज: जातियों को बांटने किया जा रहा प्रयास, पर हमें सकल्प लेना होगा की बंटने नहीं देंगे
भोपाल। मध्यप्रदेश में सभी वर्गों के लिए सामाजिक समरसता के साथ, सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। गरीबी जाति देखकर नहीं आती, सामान्य वर्ग की पीड़ा और दर्द हम समझते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने पर भी इस वर्ग के लिए किसी से कुछ मांगना कठिन होता है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मध्यप्रदेश राज्य सामान्य वर्ग आयोग द्वारा प्रशासन अकादमी में दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ-सत्र को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें समाज को तोड़ने वाली ताकतों से सतर्क रहना होगा। जातियों को बांटने के लिए कई प्रकार की गतिविधियां चल रही हैं। हमें यह संकल्प लेना होगा कि समाज को बंटने नहीं देंगे। भारतीय संस्कृति में प्रत्येक विचार को स्वीकार करने, उसे सम्मान और स्थान देने की परंपरा रही है। हम सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। नई परिस्थितियों में नई आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा, रोजगार और अन्य सामाजिक व्यवस्थाओं के लिए विचार-विमर्श आवश्यक है।
सामान्य वर्ग आयोग द्वारा कार्यशाला में विचार-विमर्श, चिंतन और संवाद के बाद प्रस्तुत सुझावों एवं अनुशंसाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि सामान्य वर्ग के कल्याण के लिए पूर्व में आयोग द्वारा दी गई अनुशंसाओं का क्रियान्वयन हुआ है। सामान्य वर्ग के गरीब बच्चों के लिए सामान्य निर्धन वर्ग छात्रवृत्ति योजना, स्वामी विवेकानन्द प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना, सुदामा शिष्यवृत्ति योजना, वीरांगना लक्ष्मीबाई साईकिल वितरण योजना और डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना संचालित हैं।
साथ ही व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के लिए विक्रमादित्य नि:शुल्क शिक्षा योजना, संदीपनि संस्कृत भाषा प्रसार योजना, आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना तथा उच्च शिक्षा ऋण गारंटी योजना का क्रियान्वयन भी जारी है। कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, गौ-पालन एवं गौ-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरि और राज्य सामान्य वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष शिव चौबे भी उपस्थित थे।