मध्यप्रदेश

धरना-प्रदर्शन के दौरान किया यह काम तो वसूला जाएगा डबल हर्जाना, मप्र विधानसभा में बिल पास

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Vidhan Sabha) में कांग्रेस विधायकों (Congress MLAs) के हंगामे के बीच पांच विधेयक (five bills) दो मिनट में बिना बहस के पास हो गए। इनमें से सबसे खास विधेयक मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक (damage to private property) व नुकसानी की वसूली विधेयक-2021 (Recovery of Damages Bill-2021) है। इस विधयेक के पारित हो जाने के बाद अब धरना, प्रदर्शन, जुलूस या साम्प्रदायिक हिंसा (communal violence) के दौरान पत्थरबाजी से शासकीय/निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले से उस नुकसान की वसूली की जाएगी। साथ ही नुकसान के लिए उससे ही हर्जाना वसूला जाएगा, जो दोगुना तक हो सकता है। जरूरत पड़ने पर उसकी संपत्ति भी कुर्क की जाएगी।

विपक्ष के हंगामे के बीच जिन पांच विधेयकों को पारित किया गया, उनमें मध्य प्रदेश काष्ठ चिरान (संशोधन) विधेयक, भू-राजस्व संहिता ( संशोधन ) विधेयक, ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण संशोधन विधेयक, मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक और लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक व नुकसानी की वसूली विधेयक 2021 शामिल है।

ऐसे हो सकेगी वसूली

  • इस विधेयक में ऐसी समस्त सरकारी अथवा निजी संपत्ति की नुकसानी की वसूली की जा सकेगी जो साम्प्रदायिक दंगों, हड़ताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस या व्यक्तियों के समूह द्वारा की गयी है। इनमें केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय के साथ ही सहकारी संस्थाओं कंपनियों आदि की संपत्ति भी शामिल है।
  • राज्य सरकार द्वारा ऐसे क्षेत्र तथा ऐसी अवधि के लिए क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन कर सकेगी, जो इस विधेयक में उल्लेखित सरकारी/निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के संबंध में प्रतिकर नियत कर सकें।
  • राज्य सरकार द्वारा सेवानिवृत्त जिला जज एवं राज्य सरकार से सेवानिवृत्त सचिव को क्लेम ट्रिब्यूनल में नियुक्त किया जा सकेगा।
  • सरकारी संपत्ति पर जिला मजिस्ट्रेट अथवा कार्यालय प्रमुख द्वारा निजी संपत्ति की नुकसान पर संपत्ति का मालिक या संपत्ति का नियंत्रणकर्ता क्लेम ट्रिब्यूनल के पास 30 दिन में आवेदन कर सकेंगे।
  • क्लेम ट्रिब्यूनल ऐसे क्लेम कमिश्नर को नियुक्त कर सकेगा जो उसे नुकसान के संबंध में जांच में मददगार हो सके।
  • नुकसान की वसूली, संपत्ति नुकसान करने वाले व्यक्ति के साथ ही इसके लिए उकसाने वालों से भी किया जा सकेगा। क्लेम ट्रिब्यूनल मूल नुकसानी की 2 गुना तक के अवार्ड पारित कर सकेंगे। साथ ही अवार्ड पारित होने के 15 दिन में भुगतान नहीं होने पर ब्याज तथा आवेदनकर्ता को क्लेम ट्रिब्यूनल में प्रकरण में हुए खर्चे की वसूली के आदेश भी देने के अधिकार होंगे।
  • क्लेम ट्रिब्यूनल का हर्जाना या फिर मुआवजे का निर्धारण आवेदन करने के 3 महीने में करना होगा।
  • क्लेम ट्रिब्यूनल के द्वारा नुकसान की वसूली का अवार्ड घोषित किए जाने के 15 दिन में राशि जमा नहीं करने पर क्लेम ट्रिब्यूनल जिला कलेक्टर को प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे।
  • क्लेम ट्रिब्यूनल के आदेश केवल मान उच्च न्यायालय में अवार्ड पारित होने के 90 दिन में चैलेन्ज किए जा सकेंगे।

इतना नाकारा विपक्ष आज तक नहीं देखा: नरोत्तम
विधेयकों के बिना बहस पास होने के मुद्दे पर डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Dr. Narottam Mishra) ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सदन में पलायनवादी सोच साफ तौर पर दिखी है। हर विषय की चर्चा से भागना, हंगामा करना, हल्ला करना उनकी आदत हो गई है। सुबह से हंगामा कर रहे हैं। जिस विषय पर स्थगन पर चर्चा हो चुकी हो, जिस विषय पर अध्यक्ष ने व्यवस्था दे दी हो, उस पर हल्ला करना समझ नहीं आया। ये विपक्ष की सोची-समझी रणनीति है। वे चर्चा से भागते हैं। हमारे महत्वपूर्ण विधेयक थे और बिना चर्चा के पास हो गए। विनियोग विधेयक (Appropriation Bill) पर चर्चा नहीं की और वह पास हो गया। प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण, शून्यकाल में चर्चा नहीं करते हैं। इतना अकर्मण्य विपक्ष, नाकारा विपक्ष आज तक नहीं देखा।

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