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मंगल ग्रह से मिट्टी के नमूने क्यों वापस ला रहा जापान? 

तोक्यो। जापान की अंतरिक्ष एजेंसी (Space agency of Japan) ने मंगल ग्रह (Mars Planet) पर फिलहाल काम कर रहे अमेरिका (USA) और चीनी मिशन (Chinese Mission) से पहले, मिट्टी के नमूने वहां से वापस लाने की योजना बनाई है। जापान मंगल ग्रह की उत्पत्ति और संभावित जीवन के निशान के सुराग खोजने की उम्मीद कर रहा है।

जापान एरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी या जाक्सा (Japan aerospace exploration agenency) (Jaksa) ने 2024 में मंगल ग्रह के चंद्रमा ‘फोबोस’ से 10 ग्राम (0.35 औंस) मिट्टी इकट्ठा करने और इसे 2029 में पृथ्वी पर वापस लाने के लिए एक अन्वेषक यान भेजने की योजना बनाई है।

परियोजना निदेशक यासुहीरो कवाकात्सु ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में बृहस्पतिवार को कहा कि तेजी से वापसी का यह अभियान बाद में शुरू होने के बावजूद मंगल ग्रह के क्षेत्र से नमूने वापस लाने में अमेरिका और चीन से जापान को आगे रखेगा।

नासा (NASA) का “प्रिजर्वेंस” रोवर मंगल के क्रेटर पर काम कर रहा है, जहां 31 नमूने एकत्र करने हैं । एकत्र करने के बाद न नमूनों को 2031 की शुरुआत में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की मदद से पृथ्वी पर वापस लाया जाना है। चीन ने मई में मंगल ग्रह पर एक अंतरिक्ष यान उतारा और उसकी 2030 के आसपास नमूने वापस लाने की योजना है।

कवाकात्सु ने कहा कि जाक्सा के वैज्ञानिकों का मानना है कि फोबोस पर सतह की मिट्टी का 0.1 प्रतिशत मंगल से आता है और 10 ग्राम में करीब 30 ग्रेन्यूल होता है जो मिट्टी की स्थिरता पर निर्भर करता है।

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