अध्ययन दल का निर्देश: ग्वालियर-चंबल में क्षतिग्रस्त मकान मॉडल टाउन के रूप में हो विकसित
भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर-चंबल संभाग (Gwalior-Chambal Division) में भारी बारिश (Havy Rain) से नुकसान का मुआयना करने के लिए क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर केन्द्रीय अध्ययन दल (central study team) ने दूसरे दिन ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, मुरैना और श्योपुर जिले में हुए नुकसान का निरीक्षण किया। अध्ययन दल ने अधिकारियों से चर्चा करते हुए बाढ़ से सम्पूर्ण रूप से नष्ट हुए मकानों को किसी उचित स्थान पर मॉडल टाउन (model town) के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। इसके साथ ही दल ने पार्वती नदी (Parvati River) पर बने पुल को हुए नुकसान का भी निरीक्षण किया।
केन्द्रीय दल मंगलवार को ग्वालियर जिले की भितरवार तहसील के ग्राम सिला एवं पलायछा पहुंचा। उन्होंने दोनों ही गांवों में अति वर्षा के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया। दल ने क्षतिग्रस्त हुए मकानों एवं फसलों को हुई क्षति स्थल का निरीक्षण भी किया। केन्द्रीय दल ने भ्रमण के दौरान बाढ़ प्रभावित गाँवों में क्षतिग्रस्त मकानों, शासकीय सम्पत्तियों, पुल-पुलियाओं और खेतों का भी अवलोकन कर प्रभावित परिवारों से चर्चा की।
केन्द्रीय दल द्वारा अति वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को शीघ्र दुरूस्त करने के लिये कहा। जिससे परिवहन व्यवस्था शीघ्र पुन: सुचारू रूप से संचालित हो सकेगी। दल ने ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर रूककर ग्रामीणों से चर्चा की तथा अति वर्षा के कारण हुए नुकसान के संबंध में जानकारी ली। दल ने सभी प्रभावित गांवों में राहत कार्यों को तीव्र गति से करने का सुझाव दिया। ग्वालियर जिले के भितरवार तहसील के दोनों ग्रामों में हुए नुकसान तथा प्रभावितों को तत्काल दी गई राहत के संबंध में कलेक्टर ग्वालियर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Gwalior Kaushlendra Vikram Singh) ने विस्तार से अवगत कराया।
भारत सरकार के संयुक्त सचिव सुनील कुमार वर्णवाल के नेतृत्व में आए इस दल के साथ आयुक्त भू-अभिलेख ज्ञानेश्वर पाटिल, संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, सीईओ जिला पंचायत श्री किशोर कान्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।