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पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था: वित्त वर्ष 2022-23 में 9% रहेगी भारत की आर्थिक वृद्धि दर, क्रेडिट सुइस का अनुमान

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2022-23 (FY 2022-23) में भारत की आर्थिक वृद्धि (India’s economic growth) दर 9 फीसदी रहने का अनुमान। यह अनुमान स्विटजरलैंड की ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस (Swiss brokerage firm Credit Suisse) ने जताया है। क्रेडिट सुइस ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि 9 फीसदी रहने की संभावना है। साथ ही कंपनी ने GDP वृद्धि दर भी 10.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। बता दें कि कोरोना महामारी (corona pandemic) के कारण देश से लेकर दुनिया भर में अर्थव्यवस्थाओं को बड़ा झटका लगा था, लेकिन अब कोरोना से राहत मिलने के बाद एक बार फिर आर्थिक गतिविधियां (economic activities) पटरी पर लौट रही हैं।

क्रेडिट सुइस (credit Suisse) ने कहा कि कंपनी की नीति के अनुरूप वह वास्तविक आर्थिक वृद्धि का अनुमान नहीं जताती है। हालांकि उपलब्ध आंकड़ों और अनुमानों के सांख्यिकी विश्लेषण (statistical analysis) के आधार पर 2022-23 में भारत की वृद्धि दर 9 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। क्रेडिट सुइस के एशिया प्रशांत के लिये इक्विटी रणनीति मामलों के सह-प्रमुख और भारत इक्विटी रणनीतिकार नीलकंठ मिश्रा (India Equity Strategist Neelkanth Mishra) ने कहा कि उन्हें जीडीपी पूवार्नुमान में वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि आर्थिक पुनरुद्धार की गति ने आश्चर्यचकित किया है।

आर्थिक गतिविधियां सकारात्मक रहेंगी
क्रेडिट सुइस ने कहा है कि भारत में आर्थिक गतिविधियां सकारात्मक रहेंगी और अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 9 प्रतिशत रहने की संभावना है। ब्रोकरेज कंपनी का चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर लगभग 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि अन्य रेटिंग एजेंसियों द्वारा पूर्व में जताए गए औसत अनुमान 8.4 से 9.5 प्रतिशत से कहीं अधिक है।

नौकरियों की स्थिति में होगा सुधार
क्रेडिट सुइस के एशिया प्रशांत के लिए इक्विटी रणनीति मामलों के सह-प्रमुख नीलकंठ मिश्रा की मानें तो जीडीपी पूवार्नुमान में वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि आर्थिक पुनरुद्धार की गति सही दिशा में है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सकारात्मक गतिविधियां जारी रहने की संभावना दिख रही है। अगले तीन से छह महीनों में कम आय वाली अधिकतर नौकरियों की स्थिति भी ठीक हो सकती है।





जानें क्या है RBI का अनुमा
बताते चलें कि सरकार ने अभी हाल ही में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की जीडीपी के आंकड़े जारी किए थे। जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी -7.4 फीसदी से बढ़कर 8.4 फीसदी हो गई है। इससे पहले जून तिमाही में भारत की जीडीपी 20.1 फीसदी रही थी। 2021-22 में GDP ऐट कॉन्स्टैंट प्राइसेज 35.73 लाख करोड़ रुपये रहा है। इससे पहले 2020-21 की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 32.97 करोड़ रुपये पर रहा था।

वहीं दूसरी ओर, RBI ने रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने फिस्कल इयर 2022 की तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान पहले के लगाए गए अनुमान 6.8 फीसदी से घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा, आरबीआई ने FY 2022 की चौथी तिमाही के लिए जीडपी ग्रोथ का अनुमान 6.1 फीसदी से कम करके 6 फीसदी कर दिया है।

वर्तमान में जीडीपी का ये है हाल
हाल ही में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की जीडीपी के आंकड़े को देखें तो जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी -7.4 फीसदी से बढ़कर अब 8.4 फीसदी हो गई है। आरबीआई ने रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।

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