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गवलान घाटी में तिरंगा फहराकर भारत ने ड्रैगन को ऐसे दिया जवाब, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली। चीन (China) के दुष्प्रचार का भारत की सेना (Indian army) ने करारा जवाब है। दरअसल, चीनी सैनिकों (chinese soldiers) के झंडा फहराने वाले वीडियो के वायरल (viral video) होने के बाद भारतीय जवानों की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। इसमें न्यू ईयर (new year) पर भारतीय जवान गलवान में तिरंगा झंडा (flag) फहराते नजर आ रहे हैं। देते हुए नए साल के मौके पर गलवान घाटी में भारतीय तिरंगा लहराया। एक समाचार एजेंसी ने सैन्य अधिकारियों के हवाले से दो तस्वीरें जारी की हैं। तस्वीरों में सेना के 30 जवान तिरंगे के साथ नजर आ रहे हैं। जवान हथियार लिए हुए हैं। एक तिरंगा भारतीय चौकी पर लहरा रहा है और दूसरा तिरंगा जवानों को हाथों में है।

भारतीय सेना की ओर से तिरंगा लहराए जाने की खबर ऐसे मौके पर आई है, जब मीडिया एक वर्ग में चीन द्वारा गलवान घाटी (Galwan Valley) में झंडा फहराए जाने की खबरें सामने आई थीं। इससे पहले यह भी खबर थी कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों के नए नाम रखे हैं। चीन ने विवादित लैंड बाउंड्री लॉ (disputed land boundary law) को लागू किए जाने से पहले यह कदम उठाया था। अब भारतीय सेना ने भी इसका करारा जवाब देते हुए दो तस्वीरें जारी की हैं। इन तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि भारतीय सशस्त्र जवान एकदम जोश में नजर आ रहे हैं। तस्वीरों में सशस्त्र जवानों के हाव भाव से साफ लग रहा है कि वे किसी भी तरह की घुसपैठ को बख्शने के मूड में नहीं है।

चीन ने की दुष्प्रचार करने की कोशिश
कुछ दिन पहले चीन के एक वेरिफाइड सोशल मीडिया अकाउंट से गलवान में चीनी झंडा फहराते हुए वीडियो साझा किया गया था। इसमें कैप्शन देकर लिखा गया था- 2022 के पहले दिन गलवान घाटी पर चीन का झंडा शानदार तरीके से लहरा रहा है। यह झंडा खास है, क्योंकि इसे एक बार बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर पर भी फहराया गया था।

15 जून को हुई थी हिंसक झड़प
दरअसल, 15 जून 2020 को गलवान घाटी के पेट्रोल पॉइंट 14 पर भारत और चीनी सेना के बीच झड़प हुई थी. इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसमें कर्नल संतोष बाबू भी शामिल थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच टेंशन काफी बढ़ गई थी. इस झड़प में चीन को भी काफी नुकसान पहुंचा था. हालांकि, चीन की ओर से आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए गए।

चीन ने अरुणाचल में 15 स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की थी
इससे पहले, मीडिया ने बताया कि चीनी सरकार ने नए सीमा कानून को लागू करने से दो दिन पहले अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों का नाम बदलने की मांग की थी। भारत सरकार ने पिछले गुरुवार को कहा कि उसने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों का नाम अपनी भाषा में रने का प्रयास करने की रिपोर्ट देखी है और कहा कि सीमावर्ती राज्य हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा और आविष्कृत नामों को निर्दिष्ट करेगा इस तथ्य को नहीं बदलता है।

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