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इंग्लैंड के खिलाफ भारत के विराट कोहली की इस लक्ष्य पर है नजर 

लीड्स ।   कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) लंबे समय से चली आ रही अपनी खराब फॉर्म से पार पाकर इंग्लैंड (England)  के खिलाफ बुधवार से यहां शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में बड़ा स्कोर बनाने के साथ भारत (India) को पांच मैचों की श्रृंखला में अजेय बढ़त दिलाने की कोशिश करेंगे।

कोहली ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय शतक नवंबर 2019 में लगाया था। वह वर्तमान श्रृंखला में दो अवसरों पर 40 रन के पार पहुंचे लेकिन बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहे। उनसे हालांकि हमेशा बड़े स्कोर की उम्मीद की जाती है।

उन्होंने पहले दो टेस्ट मैचों में ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों पर अपने विकेट गंवाये। ऐसे में उनसे हैंडिग्ले में इस तरह की गेंदों के सामने बेहतर तकनीकी के साथ बल्लेबाजी करने की उम्मीद की जा रही है।

चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे (Cheteshwar Pujara and Ajinky Rahane) की फॉर्म भी भारत के लिये चिंता का विषय है। इन दोनों ने हालांकि लार्ड्स टेस्ट के चौथे दिन लगभग 50 ओवर तक बल्लेबाजी करके फॉर्म में वापसी के संकेत दिये हैं। इससे मैच पांचवें दिन तक खिंच गया जिसके बाद तेज गेंदबाजों ने भारत को जीत दिलायी और श्रृंखला में 1-0 से आगे किया।

सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और केएल राहुल (Rohit Sharma and KL Rahul) का प्रदर्शन भारत के लिये बल्लेबाजी विभाग में सकारात्मक पहलू रहा है। इन दोनों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपने संयम और तकनीक का अच्छा नमूना पेश करके भारत को अच्छी शुरुआत दिलायी।

चोटिल मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) की जगह टीम में लिये गये राहुल प्रत्येक अगली पारी में अधिक आत्मविश्वास से भरे हुए दिखे और लगता है कि वह इस बात को लेकर अब सुनिश्चित हैं कि उन्हें कौन सी गेंद खेलनी है और कौन सी छोड़नी है जो कि इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में महत्वपूर्ण होता है।

रोहित भी बहुत अच्छी लय में दिख रहे हैं और उन्हें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उन्हें अपना पसंदीदा पुल शॉट कब खेलना है क्योंकि श्रृंखला में दो अवसरों पर वह यह शॉट खेलकर आउट हुए।

ऋषभ पंत (Rishabh Pant) अपने नैसर्गिक अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे हैं जबकि रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) ने भी सातवें नंबर पर बहुत अच्छी भूमिका निभायी है। यह कहा जा सकता है कि वह टीम में बायें हाथ के स्पिनर के बजाय बल्लेबाज की भूमिका में अधिक खेल रहे हैं।

हैडिंग्ले में परिस्थितियां तेज गेंदबाजों के अनुकूल रहने की संभावना है और भारत चार तेज गेंदबाजों के साथ उतर सकता है। ऐसे में रविचंद्रन अश्विन के लिये अंतिम एकादश में फिर से जगह नहीं बन पाएगी। शार्दुल ठाकुर फिट हो गये हैं लेकिन लगता नहीं कि कोहली अपने तेज गेंदबाजी आक्रमण में किसी तरह का बदलाव करेंगे।

पहले टेस्ट में नहीं खेल पाने वाले इशांत शर्मा ने लार्ड्स में प्रभावशाली गेंदबाजी की तथा इस अनुभवी तेज गेंदबाज को ठाकुर पर प्राथमिकता मिलने की संभावना है। ठाकुर गेंदबाजी में इशांत से कमतर लेकिन बल्लेबाजी में बेहतर हैं।

मोहम्मद सिराज के आने से भारत का विश्वस्तरीय आक्रमण मजबूत हुआ है। सिराज ने लार्ड्स में पांचवें दिन शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने अपनी सटीक गेंदबाजी से लगातार प्रभावित किया है।

भारत यहां आखिरी बार 2002 में खेला था जब उसने पारी और 46 रन से जीत दर्ज की थी। वर्तमान टीम के किसी भी खिलाड़ी को इस मैदान पर खेलने का अनुभव नहीं है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे कितनी जल्दी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाते हैं।

इंग्लैंड को उम्मीद है कि डाविड मलान के आने से उनकी बल्लेबाजी की कमजोरी दूर होगी। मलान ने अपना आखिरी टेस्ट तीन साल पहले खेला था लेकिन उनके पास प्रथम श्रेणी क्रिकेट का अच्छा अनुभव है।

बायें हाथ का यह बल्लेबाज तीसरे नंबर पर खेलेगा और ऐसे में हसीब हमीद को रोरी बर्न्स के साथ पारी का आगाज करना पड़ सकता है। इंग्लैंड के बल्लेबाजों को रन बनाने का तरीका ढूंढकर कप्तान जो रूट का साथ देना होगा। अभी तक इंग्लैंड की तरफ से रूट ने ही अधिकतर रन बनाये हैं।

अपनी अतिरिक्त उछाल से भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी में डालने वाले मार्क वुड चोटिल हैं और ऐसे में सादिक महमूद को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिल सकता है।

रूट ने मैच से पहले पुष्टि की कि वुड को छोड़कर फिटनेस का कोई मसला नहीं है और मुख्य तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन अच्छी स्थिति में हैं।

रूट ने इसके साथ ही संकेत दिये कि खिलाड़ी आपसी बहस में नहीं उलझेंगे क्योंकि लार्ड्स (Lords) में दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने एक दूसरे पर छींटाकशी की लेकिन इसका अधिक फायदा भारत को मिला।

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