मध्यप्रदेश

जब तब चुप थे, तो आगे भी रहना होगा चुप: इन तीन बालीवुड स्टार्स को आईना दिखा बोलीं उमा

भोपाल। उत्तरप्रदेश की वाराणसी अदालत ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले का हिंदू पक्ष स्वागत कर रहा है। वहीं इस मामले में भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पितृ पक्ष में महत्वपूर्ण निर्णय सुनने को मिला है कि ज्ञानवापी पर याचिका सुनवाई के योग्य है, ये हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है, काशी मथुरा अयोध्या हमारे हृदय के विषय हैं। हालांकि इसी बहाने पूर्व उमा भारती ने आमिर खान, सलमान खान, शाहरुख खान को आईना दिखाया।

उन्होंने कहा कि फिल्मस्टार को पॉलिटिकल कमेंट नहीं करना चाहिए, उन्होंने बयान दिया है कि कई फिल्मस्टार के अंदर नफरत का जहर भरा हुआ है। उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा है कि आमिर खान, सलमान खान, शाहरुख खान जैसे आर्टिस्ट तब कहां थे जब सर तन से जुदा जैसा नारा लगा, तब इन्हें देश में डर नही लगा। उमा भारती ने पूछा है कि तब अवॉर्ड वापसी गैंग कहा थी।

खुद रहते हैं छोटे दिमाग के
उमा यहीं पर नहीं रुकी, उन्होंने आगे भी हमला करते हुए कहा कि सर तन से जुदा के नारे पर चुप थे। और आगे भी चुप ही रहना। सर तन से जुदा के नारे के बाद किसी को भी कोई डर नहीं लग रहा है। ऐसे लोग हिंदुओं को बड़ी बात बताते हैं। लेकिन खुद छोटे दिमाग के रहते है। जिससे देश को नुकसान हुआ है ये सभी अपने पुरस्कार वापस करने चले थे। अब शाहरुख और आमिर से पूछना है कि अब डरके कहा गए। ऐसे ही लोग देश का माहौल खराब कर रहे हैं।





नसीरुद्दीन में भरी है जबदरस्त नफरत
फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती ने खुलासा किया और कहा कि जब वे केंद्र में मिनिस्टर थीं। 90 के दशक में नसरुद्दीन शाह से मैंने बात करने की कोशिश की थी, लेकिन उनके अंदर जबरदस्त नफरत भरी हैं, उनकी आंखें मैं कभी भूल नहीं सकती, ऐसे लोगों की हम फिल्में देखते हैं, अयोध्या, मथुरा काशी पर बाहर बैठकर समझौता होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, ऐसे लैंड डिस्प्यूट में कोर्ट के बाहर भी फैसला हो सकता है.

कट्टरता फैलाने के पीछे कुछ बुद्धिजीवियों का मौन
उमा भारती ने आगे कहा कि कट्टरवादिता फैलाने के पीछे कुछ कथित बुद्धिजीवियों का मौन है। जब सर तन से जुदा के नारे लगे तो मैंने कहा ओवैसी साहब से कि आप निंदा कीजिए इसकी, उसकी तस्वीर को जमीन पर जूतों से रौंद रहे हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। और इसी तरह से कट्टरपंथी एलिमेंट बढ़ता है।

उन्होंने कहा कि एक वर्ग नफरत फैला रहा है, वह वर्ग संख्या में कम है लेकिन करेत सांप संख्या में कम होता है लेकिन उसकी हवा भर लग जाए तो आदमी मर जाता है। इसमें कुछ वामपंथी हैं, समाजवादी हैं, कुछ कांग्रेसी नेता हैं, कुछ फिल्म स्टार हैं। ये करेत सांपों की तरह है इन को देख लेने भर से आदमी मर जाए।

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