भाजपा – कांग्रेस को “आप” से मिलेगी कड़ी टक्कर, दोनों से पहले पार्टी घोषित करेगी अपने प्रत्याशी
भोपाल – मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा हो चुकी है। निकाय और पंचायत चुनाव के दावेदारों ने बैनर पर्चे छपवाकर अपना चुनाव प्रचार करना भी शुरू कर दिया है। इस बीच मध्य प्रदेश के निकाय चुनावों में भाजपा और कांग्रेस को आप से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना नजर आने लगी है। आम आदमी पार्टी से मिली जानकारी के मुताबिक भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन समेत सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद में आप के प्रत्याशी चुनावी मैदान में होंगे। आप नेताओं नेताओं का दावा है कि हम भाजपा-कांग्रेस से पहले ही कैंडिडेट के नामों की घोषणा कर देंगे।
दो चरणों में होंगे चुनाव
मप्र में नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग कर चुका है। राज्य में 6 जुलाई और 13 जुलाई को दो चरण में चुनाव होने जा रहे हैं। 11 से 18 जून के बीच नामांकन दाखिल होंगे। तारीखों की घोषणा के साथ ही भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों के नामों को घोषणा करने में जुटी हुई हैं, दोनों की निगाहों 16 नगर निगमों को जीतने पर है। कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी ने इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर, सागर में प्रत्याशियों के नाम भी फाइनल कर दिए हैं। तो वहीं बीजेपी भी जिताऊ कैंडिडेट्स पर अपना ध्यान फोकस कर रही है। ऐसी भी जानकारी है कि मेयर के चुनाव के लिए मौजूदा विधायकों को भी मैदान में उतारा जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के साथ ही पंजाब में मिली सफलता के बाद आप भी पूरी ताकत के निकाय चुनावों में उतरने का मन बना चुकी है।
पढ़े लिखे लोगों का आप को मिला साथ
जिस तरह से आप ने दिल्ली और पंजाब में अपना जनाधार तैयार किया है, ठीक वैसे ही पार्टी मप्र में जनाधार तैयार करने में लगी हुई है। दिल्ली और पंजाब में आप के कार्यकर्ताओं के रूप में बड़ी संख्या में नौकरीपेशा पार्टी का प्रचार करते हुए नजर आए थे। ऐसे में मप्र में आप ऐसे लोगों पर फोकस कर रही हैं जो आर्थिक रूप से भी सक्षम हो। इसके साथ ही पंजाब जीत का फैक्टर पार्टी के संजीवनी का काम कर रहा है। इस जीत के करीब 38 हजार लोगों ने आप का दामन थामा है। पार्टी के अनुसार मप्र में आप के ढाई लाख सक्रिय सदस्य है।
ऐसे मिलेगा आप का टिकट
दिल्ली और पंजाब की तरह मप्र के निकाय चुनाव को लेकर पार्टी ने टिकट बांटने का पैमाना पहले से तय कर रखा है। यानि जो व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त होगा उसे आप का टिकट नहीं मिलेगा। इसके साथ ही पार्टी का टिकट पाने के लिए प्रत्याशी का पढ़ा लिखा होना भी जरूरी है।