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बैठक में फैसला: आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, सस्ते होम लोन की उम्मीदें टूटीं

मुंबई। मौद्रिक नीति (monetary policy) की समीक्षा के लिए 6 अक्टूबर को शुरू हुई मौद्रिक नीति कमिटी (monetary policy committee) की बैठक शुक्रवार को समाप्त हो गई। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) की अगुवाई में हुई बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट (Repo Rate and Reverse Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है। यह आठवीं बार है जब ब्याज दरों में कोई कमी नहीं की गई है। रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर स्थिर है। इसी के साथ रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति को लेकर अपने रुख को लचीला बनाए रखेगा।

आरबीआई के इस फैसले से अभी सस्ते होम लोन (cheap home loan) की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खाद्यान्नों के रिकॉर्ड उत्पादन के कारण आने वाले महीने में खाद्य मुद्रास्फीति (food inflation) कम बने रहने की उम्मीद है। संक्रमण की दर में कमी और टीकाकरण से निजी उपभोग को प्रोत्साहन मिल रहा है, जबकि मुख्य मुद्रास्फीति अब भी जटिल बनी हुई है।

महंगाई को दायरे में रखना लक्ष्य
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने 5-1 ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया। कोविड (Covid) से उबर रही अर्थव्यवस्था (Economy) में वृद्धि को बनाए रखने और महंगाई को सीमित दायरे में रखने के लक्ष्य से ये फैसला किया गया। इसी के साथ रिजर्व बैंक ने देश की GDP growth को लेकर अपने अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया है। केंद्रीय बैंक का मत है कि ये 9.5% के स्तर पर बनी रहेगी।





बता दें रिजर्व बैंक महंगाई बढ़ने के डर से ब्याज दरों में कटौती से पहले भी इनकार कर चुका है। साथ ही महंगाई पर अंकुश के लिए वह चौतरफा कोशिश करने का सुझाव दे चुका है। रिजर्व बैंक को महंगाई दर को चार फीसद पर दो फीसद घट-बढ़ के साथ दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है, जबकि खुदरा महंगाई कई माह से पांच फीसद से ऊपर है।

एमपीसी ने जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को संशोधित करते हुए 7.3% के बजाय 7.9% कर दिया है। वहीं अक्टूबर-दिसंबर में इसके 6.3% के बजाय 6.8% और जनवरी-मार्च में 6.1% की दर से बढ़ने का अनुमान है।

आरबीआई की प्रमुख घोषणाएं

  • आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह चार फीसदी पर बरकरार है। यानी ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है।
  • फइक गर्वनर शक्तिकांता दास ने कहा कि सभी सदस्य दरें बरकरार रखने के पक्ष में है।
  • मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट भी 4.25 फीसदी पर स्थिर है।
  • दास ने आगे कहा कि रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।
  • इसके साथ ही बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। यह 4.25 फीसदी पर है।
    केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक रुख को ‘उदार’ बनाए रखा है।
  • अर्थव्यवस्था में रिकवरी के साफ संकेत दिख रहे हैं। अगस्त, सितंबर में मांग में रिकवरी दिखी। खाद्य महंगाई दर में भी कमी आई है। शुरूआती दौर में निवेश में सुधार देखने को मिल रहा है।
  • जुलाई-अगस्त के लिए महंगाई दर अनुमान से कम रह सकती है। फइक महंगाई को नियंत्रण में करने की कोशिश कर रही है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में देश की वास्तविक जीडीपी में 9.5 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया है।
  • इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.1 फीसदी।
  • शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में देश की वास्तविक जीडीपी 17.1 फीसदी रह सकती है।
  • मुद्रास्फीति पर दास ने कहा कि, वित्त वर्ष 2021-2022 में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.3 फीसदी रह सकती है। पिछली बैठक में 5.7 फीसदी का अनुमान लगाया गया था।
  • दूसरी तिमाही में महंगाई दर 5.1 फीसदी रह सकती है, तीसरी तिमाही में 4.5 और चौथी तिमाही में यह 5.8 फीसदी हो सकती है।
  • वहीं केंद्रीय बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-2023 की पहली तिमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.2 फीसदी रह सकती है।
  • कृषि उत्पादन से ग्रामीण मांग में तेजी आएगी।
  • आगे शक्तिकांत दास ने कहा कि त्योहारों में शहरी मांग बढ़ने की उम्मीद है।

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