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देश की बेटियों को एनडीए की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लेने का रास्ता साफ, सरकार ने एएसी को बताया

नई द‍िल्ली। देश की बेटियों (country daughters) को अब नेशनल डिफेंस और नेवल अकादमी (National Defense and Naval Academy) की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लेने का रास्ता साफ हो गया है। केन्द्र सरकार (central government) ने आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) को बताया कि NDA के माध्यम से महिलाओं को सेना (women army) में शामिल करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। इसी साल नवंबर में होने वाली NDA की परीक्षा में लड़कियों को भी शामिल किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस ऋषिकेश राय (Justice Sanjay Kishan Kaul and Justice Hrishikesh Rai) की पीठ ने कहा कि सेना को महिलाओं के प्रति रवैया बदलना चाहिए। कोर्ट ने UPSC को परीक्षा पर संशोधित अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया।

सुप्रीम कोर्ट में कुश कालरा, संस्कृति मोरे व कई अन्य ने याचिकाएं दायर कर लड़कियों को 12वीं कक्षा के बाद एनडीए की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने की मांग की थी। मामले की सुनवाई के दौरान एएसजी ऐश्वर्या भाटी (ASG Aishwarya Bhati) ने उत्साहित अंदाज में कोर्ट को बताया कि मेरे पास एक खुशखबरी है कि रक्षा सेनाओं के प्रमुखों और सरकार ने आपसी बैठक में ये तय कर लिया है कि अब महिलाओं को NDA और नेवल अकादमी में प्रशिक्षण के बाद स्थाई कमीशन अधिकारियों के रूप में नियुक्त किया जाएगा।





बता दें कि इस बार परीक्षा में एनडीए की 370 सीटों के लिए 4.5 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी भाग लेने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में केंद्र से जवाब मांगा था। केंद्र ने कहा था कि नीतिगत मामले में कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि आपने महिलाओं को सेना में 5-5 साल रखा, स्थायी कमीशन नहीं दिया। वायुसेना व नौसेना (air force and navy) अधिक उदार हैं। आपको लैंगिक तटस्थता का सिद्धांत समझना होगा।

कोर्ट ने केंद्र सरकार को एनडीए और नेवल अकादमी में महिला कैडेट्स के दाखिले की प्रक्रिया पर विस्तृत जवाब दाखिल करने को दो हफ्तों की मोहलत दी है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को तय की है। बता दें कि बीते माह सेना में स्थायी कमीशन मिलने में हो रही देरी को लेकर महिला आफिसर्स ने सरकार को कानूनी नोटिस भेजा था। यह नोटिस रक्षा मंत्रालय को उन 72 महिलाओं ने भेजा था जिनको सेना में स्थाई कमीशन देने के लिए योग्य ठहराया गया था।

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