सियासत: 300 साल पुराने मंदिर पर बुलडोजर चलवाने पर घिरे गहलोत, भाजपा ने की औरंगजेब से तुलना
नई दिल्ली। राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने अब सिर्फ 15 महीने का समय बचा है। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी मुश्किलें स्वयं बढ़ाने में लगे हैं। करौली हिंसा को लेकर घिरे गहलोत ने अब 300 साल पुराने मंदिर पर बुलडोजर चलवा दिया है। जिसको लेकर भाजपा हमलावर हो गई है। भाजपा ने उनकी तुलना औरंगजेब से करते हुए शिव मंदिर को तोड़े जाने की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का भी गठन किया है।
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर राजस्थान में मंदिर गिराए जाने पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लिए दंगाइयों के खिलाफ बुलडोजर = सांप्रदायिक, हिंदू धर्म पर बुलडोजर = धर्मनिरपेक्ष। वहीं भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, करौली और जहांगीरपुरी पर आंसू बहाना और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना-यह कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता है।
एक अन्य ट्वीट में अमित मालवीय ने आरोप लगाया, ’18 अप्रैल को बिना कोई नोटिस जारी किए प्रशासन ने राजस्थान के राजगढ़ कस्बे में 85 हिंदुओं के पक्के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाए। आपको बता दें कि राजस्थान के अलवर जिले के सराय मोहल्ला में मंदिर को तोड़ा गया। सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद की अध्यक्षता में गठित भाजपा कमेटी तीन दिनों में राजगढ़ का दौरा कर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार कर राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया को सौंपेगी।
औरंगजेब से की तुलना
वहीं भाजपा सांसद किरोड़ी मीणा ने कहा कि गहलोत सरकार ने औरंगजेब की तरह ही एक पुराने मंदिर को बेरहमी से तोड़ा। बीजेपी सांसद राजगढ़ में थाने के बाहर धरने पर बैठे हैं। मीणा ने कहा, “कांग्रेस तुष्टीकरण की मानसिकता रखती है और शुरू से ही ऐसा करती रही है।
भाजपा के आरोपों से मिलमिलाई कांग्रेस
राजस्थान कांग्रेस प्रमुख जीएस डोटासरा ने आरोप लगाया कि राज्य में पिछली भाजपा सरकार के दौरान मंदिर हटाने का काम शुरू हो गया था। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी सरकार के पिछले शासन के दौरान अलवर मंदिर का अतिक्रमण शुरू हुआ। यह कहना कि कांग्रेस मंदिरों और मूर्तियों में खलल डालती है, गलत है। यह हमेशा से भाजपा का एजेंडा रहा है। चुनाव आते ही वे राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक अशांति फैलाते हैं।