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बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के खिलाफ पंजाब सरकार: केन्द्र को मिला अमंदिर का साथ, ट्वीट कर कही यह बात

चंडीगढ़। बीएसएफ (BSF) के अधिकार क्षेत्र (Jurisdiction) बढ़ाने के केंद्र के फैसले को रद्द करने पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र (special session of punjab assembly) में इसके खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। अब राज्य सरकार के इस फैसले का पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Former Punjab Chief Minister Amarinder Singh) ने गुरुवार को विरोध किया है और इसके तुरंत बाद उन्होंने एक ट्वीट (Tweet) कर केन्द्र सरकार के फैसले का समर्थन (support the decision of the central government) किया। उन्होंने कहा, पंजाब पुलिस की तरह BSF हमारी अपनी ताकत है, न कि कोई बाहरी या विदेशी बल (foreign force) जो हमारी जमीन पर कब्जा करने के लिए आ रहा है।

कैप्टन ने साफ कहा कि बीएसएफ के संचालन क्षेत्राधिकार का विस्तार न तो पंजाब के संघीय अधिकार का उल्लंघन करता है, न ही कानून व्यवस्था (Law and order) बनाए रखने में राज्य पुलिस की क्षमता पर सवाल उठाता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) से संबंधित है। उन्होंने दोहराया कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं वे कानून-व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं।

बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर से 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत करने के लिए बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था। पंजाब विधानसभा ने गुरुवार को केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया, इसे राज्य पुलिस का अपमान” बताया और इसे वापस लेने की मांग की।

मनीष तिवारी ने किया समर्थन
सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया कि बीएसएफ मुद्दे पर पंजाब विधानसभा का संकल्प पंजाब राज्य की सर्वसम्मत इच्छा को दशार्ता अच्छा कदम है। हालांकि यदि पंजाब का राजनीतिक वर्ग गंभीर है तो अधिसूचना की सामूहिक सांविधानिक चुनौती ही आगे का रास्ता है।

रंधावा ने बताया था पंजाब का अपमान
पंजाब विधानसभा में गुरुवार को बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव रखते हुए उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा था कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने का फैसला पंजाब और पंजाब पुलिस के लोगों के प्रति अविश्वास है। यह उनका भी अपमान है। केंद्र सरकार को इतना बड़ा फैसला लेने से पहले पंजाब सरकार से मशविरा करना चाहिए था। पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति मजबूत और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह भारतीय संविधान के संघीय ढांचे की भावना का उल्लंघन है।

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