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बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का अब बंगाल में भी विरोध, केन्द्र के फैसले के खिलाफ विधानसभा में पेश हुआ प्रस्ताव

कोलकाता। केन्द्र सरकार (central government) और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) के बीच जारी तनातनी कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है। पंजाब के बाद अब बंगाल सरकार (Government of Bengal) ने अंतरराष्ट्रीय सीमा (international border) के अंदर BSF के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने को 50 किलो मीटर तक बढ़ाने के केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव (motion in assembly) पेश किया है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी (Cabinet Minister Partha Chatterjee) ने पेश किया। वहीं अब इस मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी (Assembly Speaker Biman Banerjee) ने 1.5 घंटे की चर्चा के लिए अनुमति भी दे दी है। वहीं भाजपा विधायकों ने सरकार के इस प्रस्ताव को लेकर भारी विरोध किया।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हो रही आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय सख्त कदम उठाने जा रहा है। वहीं बॉर्डर के भीतर पचास किलोमीटर तक के क्षेत्र में BSF को गिरफ्तारी, तलाशी व जब्ती की शक्ति प्रदान करने के फैसले का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विरोध कर रही हैं।

 

 

इससे पहले पश्चिम बंगाल में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ सीएम ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था और अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। टीएमसी के सांसद सौगत रॉय (TMC MP Saugata Roy) ने कहा था कि केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ सीएम ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी के खत लिखा है और सरकार विधानसभा में इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी।

केंद्र सरकार ने पंजाब और पश्चिम बंगाल समेत कई सीमांत राज्यों में बीएसएफ (BSF) का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया है। हालांकि, टीएमसी का कहना है कि केंद्र सरकार का यह कदम राज्य के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप है। बता दें कि पिछले दिनों जारी नई अधिसूचना में बीएसएफ को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), पासपोर्ट अधिनियम (भारत में प्रवेश) के तहत यह कार्रवाई करने का अधिकार मिला है।

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