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क्या बिहार में बदलेगी सियासत: राजद की इफ्तार पार्टी में पहुंचे CM नीतीश, तेज के इस दावे से अटकलों का बाजार गर्म

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव द्वारा आयोजित एक इफ्तार पार्टी में भाग लिया। इसके बाद बिहार में अटकलबाजियों का दौर चल पड़ा है। इन अटकलबाजियों के बीच लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रतापत यादव ने बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने दावा किया-‘सीक्रेट बात हुई है, खेल होगा, सरकार बनाएंगे।’ तेज प्रताप के दावे से बिहार की सियासत गरमा गई है। हालांकि, इफ्तार पार्टी के लिए राजद नेता के पटना आवास पर आने वालों में भाजपा नेता अवधेश नारायण सिंह और सैयद शाहनवाज हुसैन भी शामिल थे।

बता दें कि राजद ने शुक्रवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। यह बड़े राजनीतिक जलसे में तब्दील हो गया। सीएम नीतीश कुमार अपने निवास से चंद कदमों की दूरी पर स्थित पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास तक पैदल ही आए थे। नीतीश कुमार के पहुंचते ही समूचे माहौल में खुशी छा गई। यह भी बता दें कि नीतीश कुमार पांच साल के अंतराल के बाद तेजस्वी यादव के घर इफ्तार पार्टी में शामिल हुए। इससे पहले 2017 में इस घर पर पहुंचे थे।

नीतीश की नो एंट्री का बोर्ड हटाया : तेज प्रताप
राजद नेता तेज प्रताप यादव ने इफ्तार पार्टी के बाद दावा किया ‘सरकार बनाएंगे, खेल होगा, हमारी नीतीश जी से सीक्रेट बात हुई है। हमने नीतीश कुमार के लिए पहले नो एंट्री का बोर्ड लगा रखा था, लेकिन अब उन्हें हमने एंट्री दे दी है. अब वह आए हैं तो सरकार भी बनेगी। राजनीति में उथलपुथल होता रहता है, आज हम हैं तो कल वो हैं। ‘





आठ साल बाद राजद की दावत
दरअसल, करीब आठ साल बाद राजद ने इफ्तार पार्टी रखी थी, इसलिए इसका विशेष महत्व था। लालू यादव के जेल में रहने व कोरोना के कारण राजद ने बीते सालों में यह दावत नहीं की थी। बहरहाल, शुक्रवार को सियासी गुफ्तगू देखकर लोगों के जेहन में नीतीश कुमार की जेडीयू की गठबंधन सरकार के दिनों की यादें ताजा हो गईं। यह नजारा देख सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया।

भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश
तेजस्वी यादव की इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार की उपस्थिति को भाजपा पर एक दबाव बनाने की कोशिश की तरह भी देखी जा रही है। हाल ही में भाजपा के नेताओं ने उन्हें दिल्ली भेजने और बिहार के लिए मुख्यमंत्री पद पार्टी को देने की बात कही थी। आपको बता दें कि नीतीश कुमार नवंबर 2020 में चौथे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बने। इस चुनाव में जेडीयू को भाजपा की 74 सीटों की तुलना में सिर्फ 43 सीटें मिली थी। इसके बावजूद नीतीश कुमार सीएम बने।

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