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बिहार विस में दिखा अजीब नजारा: गुस्साए नीतीश ने स्पीकर की जमकर लगाई क्लास, जानें क्या है पूरा मामला

पटना। बिहार विधानसभा में सोमवार को उस समय अजीब नजारा देखने को मिला, जब सदन के अंदर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के बीच जमकर कहासुनी हो गई। सीएम को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने स्पीकर की बात भी नहीं मानी और लगातार तब तक बोतले रहे जब तक उनकी बात पूरी नहीं हो गई। आखिरकार उन्होंने कह ही दिया सदन ऐसे नहीं चलेगा यह संविधान से ही चलेगा। दरअसल, यह पूरा मामला मामला लखीसराय में 9 लोगों हत्या से जुड़ा है।

मुख्यमंत्री ने अपने तीखे तेवर तब दिखाए जब विधानसभा अध्यक्ष ने कैबिनेट मंत्री बिजेंद्र यादव से सदन को कुछ दिनों के बाद यह बताने को कहा कि लखीसराय में एक घटना के संबंध में क्या कार्रवाई की गई। लखीसराय सिन्हा का विधानसभा क्षेत्र भी है। सीएम नीतीश को काफी दिनों बाद सदन के अंदर इतने गुस्से में देखा गया। स्पीकर विजय सिन्हा बार-बार मुख्यमंत्री से आसन की बात सुनने का आग्रह करते रहे लेकिन सीएम गुस्से में लगातार बोलते रहे।

कुमार ने कहा, मंत्री को सरकार की ओर से जवाब देने के लिए अधिकृत किया गया है। जब उन्होंने बताया है कि जांच चल रही है, तो आप उन्हें परसों एक नए उत्तर के साथ आने के लिए कहते हैं। यह नियमों के खिलाफ है। कृपया संविधान देखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में कार्रवाई करना सरकार और पुलिस का काम है। उन्होंने कहा कि जांच की रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश की जानी है।

नीतीश कुमार यहीं नहीं रुकेद्ध उन्होंने आगे कहा कि क्या सदन को मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार है? मैं मुख्यमंत्री के रूप में अपना चौथा कार्यकाल पूरा कर रहा हूं। मैं भी एक बार विधानसभा का सदस्य था। मैंने ऐसी प्रक्रियात्मक विसंगति कभी नहीं देखी। कृपया इस तरह से सदन न चलाएं। सिन्हा ने मुख्यमंत्री के ज्ञान और अनुभव के लिए अपने अपार सम्मान का जिक्र करते हुए कुमार को शांत करते हुए अपनी बात रखनी शुरू की और कहा कि मुख्यमंत्री का समर्थन ही था जिसने इस पद पर पहुंचने में मेरी मदद की।

विधानसभा अध्यक्ष ने अनुरोध किया, लेकिन कृपया मेरी मुश्किल स्थिति को समझें। विशेषाधिकार समिति को भेजे जाने के बाद शुरू में मैंने इस मामले में कोई चर्चा नहीं करने की कोशिश की थी। लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने बार-बार हंगामा किया। आखिरकार, मुझे सदन का संरक्षक माना जाता है। विशेष रूप से लखीसराय में शराबबंदी कानून के उल्लंघन के आरोप में कई लोगों की कथित रूप से गलत तरीके से गिरफ्तारी को लेकर सिन्हा का गुस्सा पिछले महीने सुर्खियों में था।

बतस दें कि सदन की समिति ने पुलिस महानिदेशक को कथित दुर्व्यवहार को लेकर लखीसराय के एक पुलिस उपाधीक्षक और संबंधित थाने के प्रभारी के खिलाफ जांच कराने का निर्देश दिया था। विधानसभा अध्यक्ष के बयान के बाद मुख्यमंत्री फिर से अपने स्थान पर खड़े हुए और कहा, मैं आज ही मामले में हुई प्रगति के बारे में पता करूंगा। समिति ने जो भी सिफारिशें की हैं, उस पर सरकार गौर करेगी। लेकिन इस मामले पर बार-बार सदन के पटल पर चर्चा नहीं होनी चाहिए

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