जनवरी में सावन जैसी बारिश: दिल्ली में टूटा इतने सालों का रिकॉर्ड, फिर से उत्तर भारत में सितम ढाएगी सर्दी
नई दिल्ली। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (National Capital Delhi) समेत उत्तर भारत (North India) के ज्यादातर हिस्सों में जनवरी के महीने में सावन जैसी आज भी रुक-रुक कर बारिश (rain) का दौर जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तरी दिल्ली, दक्षिण-पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, लोदी रोड, पूर्वी-दिल्ली, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, गोहाना, गन्नौर, सोनीपत और आसपास के क्षेत्रों में कुछ ही घंटों में हल्की बारिश यानी बूंदाबांदी से लेकर मध्यम तीव्रता की बारिश होगी। बता दें कि मौसम विभाग (weather department) ने कल भविष्यवाणी की थी उत्तर पश्चिम भारत खासतौर पर पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) और राजस्थान (Rajasthan) में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी रहेगा और अगले दो दिनों में तापमान में 4 से 6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है।
उत्तर भारत के कई इलाकों में बारिश हो जाने से आने वाले दिनों में पारा और अधिक गिर जाएगा जिससे ठंड बढ़ने की संभावना अधिक हो गई। वहीं, दिल्ली में साल की पहली बारिश ने बीते 22 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। शनिवार को एक दिन में सर्वाधिक 46.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। जो पिछले 22 सालों में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 7 जनवरी 1999 को एक दिन में 46 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। वहीं, पालम में मौसम केंद्र ने शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 47.6 मिमी बारिश दर्ज की।
दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में हुआ सुधार
साथ ही करीब दो महीन से बिगड़ी दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) संतोषजनक श्रेणी में दर्ज की गई है। बता दें कि AQI को शून्य और 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक एम महापात्र (M Mohapatra) ने कहा कि दिल्ली में पहले ही बारिश के कारण मध्यम बारिश दर्ज की जा चुकी है। पंजाब और हरियाणा के पश्चिमी हिस्सों में धीरे-धीरे बारिश कम होगी। जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को व्यापक हिमपात हुआ। अब मध्य प्रदेश और पड़ोसी उत्तर प्रदेश में तेज बारिश की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ, जिसके कारण उत्तर पश्चिम भारत में बारिश हुई, के धीरे-धीरे पूर्व की ओर बढ़ने और वहां बारिश, गरज के साथ बारिश होने की उम्मीद है।