मध्यप्रदेश

बागियों ने बढ़ाई परेशानी: रैगांव से भाजपा को जुगलकिशोर का परिवार तो जोबट से कांग्रेस को भूरिया ने किया परेशान

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में 30 अक्टूबर को तीन विधानसभा (Assembly) और एक लोकसभा (Lok Sabha) सीट पर उपुचनाव होना है। इन सभी सीटों पर भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। लेकिन प्रत्याशियों की घोषणा के बाद टिकट की उम्मीद पाले नेताओं को टिकट न मिलने से नाराज होकर बागी तेवर (rebel attitude) दिखाने दिखाने लगे हैं। नेताओं के बागी तेवर को देखते हुए दोनों पार्टियों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। रैगांव से जहां BJP के लिए जुगलकिशोर बागरी का परिवार (Jugalkishore Bagri’s family) बागी हुआ है, तो वहीं जोबट से congress के लिए दीपक भूरिया (Deepak Bhuria) ने परेशानी बढ़ा दी है।

 

सतना जिले के रैगांव में जहां भाजपा प्रत्याशी प्रतिमा बागरी (Pratima Bagri) के खिलाफ दिवंगत विधायक जुगलकिशोर बागड़ी के परिवार ने बागी रुख अपनाते हुए घर के एक साथ पांच सदस्यों ने नामांकन दाखिल कर दिया है। तों वहीं जोबट में कांग्रेस के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। कांग्रेस की तरफ से महेश पटेल (Mahesh Patel) ने नामांकन किया दाखिल किया। अब उनके खिलाफ कांग्रेस के ही नेता दीपक भूरिया ने बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। इन दोनों ही जगहों पर अपनों की बगावत से दोनों ही पार्टियां सकते में आ गई हैं। लोगों ने अपनी-अपनी पार्टियों को सकते में डाल दिया है।

 

जोबट में भितरघात से जूझती कांग्रेस

दरअसल, उपचुनावों का ऐलान होते ही जोबट विधानसभा सीट चर्चा में बनी हुई है। कांग्रेस ने महेश पटेल को उम्मीदवार बनाया। जिसके चलते कांग्रेस में बगावत शुरू हो गई है। जोबट से कांग्रेस की दिवंगत विधायक कलावती भूरिया (Kalavati Bhuria) के भतीजे दीपक भूरिया ने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी (independent candidate) के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है। जिससे जोबट की जंग अब रोचक होती नजर आ रही है। दीपक भूरिया के साथ कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने भी बगावत की बात कही है। ऐसे में अब रुठो को मनाने का दौर भी शुरू हो गया है।

 

रैगांव में भाजपा को करनी पड़ रही कड़ी मशक्कत

भाजपा अंदरखाने के अनुसार रैगांव विधानसभा उपचुनाव के लिये टिकट वितरण के बाद से भाजपा के रणनीतिकारों को बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही हैं। प्रतिमा बागरी को टिकट मिलने के बाद दिवंगत विधायक जुगुलकिशोर बागरी के परिवार ने बगावती तेवर अपना लिया है और परिवार के एक साथ पांच सदस्यों ने नामांकन दाखिल कर दिया है, जिससे भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। एक सदस्य धीरेंद्ने बागड़ी ने समाजवादी पार्टी से टिकट मिलने की बात कही है और अपना नामांकन पर्चा भरा है। दरअसल जुगुलकिशोर बागरी के जीवित रहते ही पुष्पराज बागरी (Pushpraj Bagri) उनके राजनीतिक वारिस के तौर पर काम कर रहे थे और विधायकी से जुड़े ज्यादातर काम वही देख भी रहे थे। लेकिन जुगुल के निधन के बाद परिवार में मतभेद की स्थिति बनने लगी। एक स्थिति यह आ गई कि जुगुलकिशोर बागरी के छोटे बेटे देवराज ने भी अपनी पत्नी वंदना के नाम पर दावेदारी जताने लगे।

 

खंडवा में भाजपा के लिए कम नहीं है परेशानी

मध्य प्रदेश में खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने दावेदारों को नजरअंदाज किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्ष सिंह काफी समय से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। मगर उनके बजाय यहां से ज्ञानेश्वर पाटिल को टिकट देकर पार्टी ने उन्हें नाखुश कर दिया है और यही वजह रही कि वे ज्ञानेश्वर पाटिल के नामांकन पत्र दाखिल करने की भीड़ में कहीं दिखाई नहीं दिए। वहीं, कांग्रेस ने भी सीट के रिक्त होने के बाद से क्षेत्र में लगातार दौड़धूप करने वाले अरुण यादव को ऐनमौके पर धत्ता बता दिया है। हालांकि यादव बाहर से पार्टी के फैसले को स्वीकार करते दिखाई दे रहे हैं मगर इसे उन्होंने पूरी तरह से मान लिया है, यह उनकी बॉडीलैंग्वेज नहीं बता रही है।

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