खेल

बर्मिंघम में भारतीयों ने दम दिखा देश को दिलाए 22 गोल्ड सहित 61 मेडल, पर यह सपना रह गया अधूरा

बर्मिंघम। इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले गए 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स का कल देर रात भव्य समापन हो गया है। 11 दिन चले इस खेल में भारतीय खिलाड़ियों ने दमदार खेल दिखाया और किसी भी क्षेत्र में दूसरों से बिल्कुल भी पीछे नहीं दिखाई दिए। कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि जब भारत पदक तालिका में टॉप-5 से ऊपर रहा। हालांकि पदक तालिका में पहले स्थान पर काबिज होने का सपना अधूरा रह गया। पदक तालिका में भारत चौथे स्थान पर रहा। आॅस्ट्रेलिया ने पहला स्थान हासिल किया। इंग्लैंड दूसरे और कनाडा तीसरे स्थान पर रहा। न्यूजीलैंड ने पांचवां स्थान हासिल किया।

राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारत ने कुल 61 पदक जीते हैं। इसमें 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य पदक शामिल हैं। हालांकि इस इस बार खेल में शूटिंग को शामिल नहीं किया गया था, जिसकी वजह से बार के मुकाबले इस बार 5 पदक कम मिले। इससे पहले 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने कुल 66 पदक जीते थे राष्ट्रमंडल के खेलों में यह भारत का बेस्ट परफामेंस था। वहीं भारत का दूसरा बेस्ट परफॉर्मेंस 2002 के मैनचेस्टर कॉमनवेल्थ में रहा था, तब 30 गोल्ड समेत कुल 69 मेडल जीते थे। तब भी भारत चौथे नंबर पर रहा था और इस बार भी चौथे नंबर पर ही है।

भारत ने 2010 में जीते थे 101 मेडल
मगर ओवरआॅल कॉमनवेल्थ के इतिहास को देखें तो यह भारत का अब तक का किसी भी कॉमनवेल्थ सीजन में पांचवां बेस्ट परफॉर्मेंस रहा है। भारत ने अब तक किसी एक कॉमनवेल्थ सीजन में सबसे ज्यादा 101 मेडल जीते हैं। यह उपलब्धि 2010 कॉमनवेल्थ में हासिल की थी। तब यह गेम्स भारत की मेजबानी में दिल्ली में ही हुए थे. तब भारत मेडल टैली में दूसरे नंबर पर रहा था। आइए जानते हैं की भारत को किस खेल में कितने मिले पदक…





कुश्ती- 12 पदक
कुश्ती हमेशा से ही भारत के लिए सबसे मजबूत खेल रहा है। ओलंपिक से लेकर कॉमनवेल्थ और एशियाई खेलों तक हर बड़ी प्रतियोगिता में पदक लाने के मामले में हमारे पहलवान सबसे आगे रहते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ। भारत के 12 पहलवानों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया और सभी ने पदक जीता। पिछली बार भी भारत को कुश्ती में 12 पदक मिले थे। हालांकि, स्वर्ण पदकों की संख्या एक ज्यादा रही। भारत ने इस बार कुश्ती में छह स्वर्ण, एक रजत और पांच कांस्य पदक जीते।

वेटलिफ्टिंग- 10 पदक
भारत को वेटलिफ्टिंग में भी हमेशा से ही भरपूर पदक मिलते रहे हैं और इस बार भी ऐसा ही हुआ। भारत को शुरूआती सभी पदक इसी खेल में आए। इस बार भारत ने वेटलिफ्टिंग में तीन स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य पदक जीते। 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को वेटलिफ्टिंग में नौ पदक मिले थे, लेकिन स्वर्ण पदक की संख्या पांच थी, जो इस बार घटकर तीन रह गई। इसके बावजूद भारत के खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया और इस खेल में सबसे ज्यादा 10 पदक जीते।

एथलेटिक्स- 8 पदक
एथलेटिक्स में इस बार भारतीय खिलाड़ियों ने कमाल किया। भारत ने कुल आठ पदक जीते, जिनमें एक स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य पदक शामिल थे। पिछली बार भारत को एथलेटिक्स में कुल तीन पदक मिले थे। इस खेल में कमाल करने की वजह से ही भारत पहुत हद तक शूटिंग में कम हुए पदकों की भारपाई करने में कामयाब रहा। खासकर ट्रिपल जंप में भारतीय खिलाड़ियों ने कमाल किया।





बॉक्सिंग में भी इस बार भारतीय खिलाड़ियों ने कमाल किया। भारत ने सात पदक जीते। 2018 में भारत को बॉक्सिंग में नौ पदक मिले थे। हालांकि, स्वर्ण पदकों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ, लेकिन रजत पदकों की संख्या दो कम हो गई। इस बार भारत ने तीन स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते। 2018 में भारत ने तीन रजत, तीन कांस्य और तीन ही स्वर्ण पदक जीते थे।

टेबल टेनिस- 7 पदक
भारत ने इस बार टेबल टेनिस में भी सात पदक जीते। इसमें चार स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक शामिल थे। वहीं, 2018 में भारत को इस खेल में आठ पदक मिले थे। इसमें तीन स्वर्ण, दो रजत और तीन कांस्य पदक शामिल थे। इस लिहाज से कुल पदकों की संख्या में एक की कमी आई, लेकिन स्वर्ण पदक की संख्या एक बढ़ गई। मनिका बत्रा इस बार कोई पदक नहीं जीत पाईं। भारत के लिए सबसे ज्यादा निराशा की बात यही रही। हालांकि, युवा श्रीजा अकुला ने उम्मीदें जगाई हैं।

बैडमिंटन- 6 पदक
बैडमिंटन में इस बार भारत ने कुल छह पदक जीते। इसमें तीन स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक शामिल थे। भारत ने तीनों स्वर्ण कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के आखिरी दिन जीते। पीवी सिंधु और लक्ष्य सेन के अलावा सात्विक-चिराग की जोड़ी ने भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वहीं, पिछली बार भी भारत को इस खेल में छह पदक मिले थे। इसमें दो स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक शामिल था। इस बार स्वर्ण पदकों की संख्या बढ़ गई है। यह भारत के लिए अच्छी खबर है।

जूडो- 3 पदक
भारत ने इस बार जूडो में कुल तीन पदक जीते। इसमें दो रजत और एक कांस्य पदक शामिल है। खास बात यह है कि पिछली बार भारत को इस खेल में कोई पदक नहीं मिला था। ऐसे में इन तीन पदकों की अहमियत बहुत ज्यादा है। शूटिंग के न होने की वजह से कम हुए पदकों की भरपाई करने में जूडो का अहम योगदान है।

लॉन बॉल- 2 पदक
भारत ने इस बार लॉन बॉल में दो पदक जीते। इस खेल के इतिहास में पहली बार भारत को पदक मिले। इससे पहले भारत कभी भी लॉन बॉल में पदक नहीं जीत पाया था। हालांकि, इस बार पहले महिला टीम ने कमाल किया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वहीं, बाद में पुरुष टीम ने भी रजत पदक जीता। इस खेल में भारत का पदक जीतना सबसे बड़ा सकारात्मक पहलू है। अब आगे भी भारतीय खिलाड़ियों से इस खेल में पदक की उम्मीद होगी।





हॉकी- 2 पदक
भारत को इस बार हॉकी में दो पदक मिले। पुरुष और महिला दोनों टीमों ने पदक जीते। पहले महिला टीम ने कांस्य पदक हासिल किया। इसके बाद पुरुष टीम ने रजत पदक जीता। हालांकि, दोनों टीमों को आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। भारत को अपने राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक जीतने के लिए आॅस्ट्रेलिया से पार पाना होगा। 2018 में भारत को हॉकी में कोई पदक नहीं मिला था। इस लिहाज से इस बार का प्रदर्शन बेहतर है।

स्क्वैश- 2 पदक
भारतीय टीम ने इस बार स्क्वैश में दो पहक हासिल किए। दोनों कांस्य पदक थे। सौरव घोषाल और दीपिका पल्लीकल ने अच्छा खेल दिखाया और देश को पदक दिलाए। पिछली बार भी भारत को इस खेल में दो पदक मिले थे, लेकिन दोनों रजत पदक थे। इस लिहाज से भारत का प्रदर्शन कमजोर हुआ, लेकिन युवा अनहत ने अपने खेल से कई उम्मीदें आई हैं।

पैरा पावरलिफ्टिंग- 1 पदक
इस बार भारत ने पैरा पावरलिफ्टिंग में भी एक पदक जीता। सुधीर ने कमाल करते हुए देश को पदक दिलाया। पिछली बार पैरा खेलों में भारत को कुल एक पदक मिला था। हालांकि, यह कांस्य पदक था। इस बार स्वर्ण जीतना भारत के लिए सुखद रहा।

क्रिकेट- 1 पदक
कॉमनवेल्थ खेलों में पहली बार महिला क्रिकेट को शामिल किया गया था और भारत ने रजत पदक जीता। हालांकि, फाइनल में टीम इंडिया को आस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा, लेकिन जिस तरह से भारतीय टीम खेली वह शानदार था। अब आने वाले समय में भारतीय टीम से स्वर्ण की उम्मीद होगी।

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