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भोपाल में कितने बच्चों की मौत.. कोई नहीं जानता !

भोपाल। राजधानी में हमीदिया (Hamidia) के कमला नेहरू अस्पताल (Kamala Nehru Hospital) में बच्चों के वार्ड में कल सोमवार रात भीषण आग (fierce fire) लग गई थी। जहां आज भी अफरा-तफरी का माहौल जारी है। इस ह्रदय विदारक हादसे में चार नवजात बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि एक दर्जन से अधिक नवजात झुलस गए थे। जिसमें कुछ बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि मौत के आंकड़े बढ़ सकते हैं। वहीं इस बीच अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान (Additional Chief Secretary Health Mohammad Suleman) आज सुबह अस्पताल पहुंचे थे और 20 मिनट रुकने के बाद चले गए। वहीं अब खबर यह भी आ रही है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) भी अस्पताल का दौरा कर सकते हैं।

वहीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) ने मंगलवार सुबह फिर अस्पताल का दौरा किया। सुबह जब विश्वास सारंग अस्पताल पहुंचे तो उन्हें परिजनों ने घेर लिया। परिजनों (family members) को मंत्री ने समझाते हुए कहा कि सिर्फ चार ही बच्चों की मौत हुई है, जबकि 36 बच्चों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि हर परिजन को अस्पताल में बच्चों से मिलाया जा रहा है। 4-4 परिजनों को एक बार में अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी।





उधर, परिजनों का दावा है कि 4 बच्चों की मौत की जानकारी सरकार की ओर से दी गई है, लेकिन आंकड़े इससे ज्यादा हैं। उनका कहना है कि रात ढाई बजे से मंगलवार सुबह तक अस्पताल मैनेजमेंट (hospital management) ने कई परिजन को उनके बच्चों की मौत की खबर दी है। ऐसे में आंकड़ा बढ़ सकता है। वहीं खबर अब यह भी आ रही है कि हमीदिया अस्पताल में आग से मरने वाले बच्चों का पोस्टमॉर्टम शुरू हो गया है। मॉच्यूर्री में 7 बच्चों के शव लाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने निरस्त किया दोपहर भोज
कमला नेहरू अस्पताल में हादसे के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर आयोजित दोपहर भोज को निरस्त कर दिया है। कांग्रेस ने हमीदिया हादसे के समय मुख्यमंत्री आवास पर डिनर को लेकर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि घटना 9 बजे के आसपास हुई। तब मुख्यमंत्री निवास पर मंत्री एक-दूसरे को जीत की बधाई दे रहे थे। मोदी के भोपाल आगमन की तैयारियों पर चर्चा कर रहे थे। काश इन मंत्रियों का भी दुख पसीज जाता और डिनर छोड़कर सभी घटनास्थल गए होते।

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