उज्जैनमध्यप्रदेश

मान्यता: माता बगलामुखी के दर्शन मात्र से हर कामना हो जाती है पूरी, पहुंचते हैं नेता-अभिनेता तक

आगर मालवा। शारदीय नवरात्रि का आज आठवां दिन है। बीते आठ दिनों से पूरे देश में नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। एक ओर जहां भक्त माता की आराधना में लीन हैं, तो वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में देवी दर्शन के लिए भी जा रहे हैं। इसी कड़ी में नाम आता अगर जिले में स्थित नलखेड़ा में स्थित माता बगलामुखी मंदिर का। यहां पर इन दिनों भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। मान्यता है कि माता बगलामुखी के दर्शन मात्र से हर मनोकमना पूरी हो जाती है। इसी मान्यता की वजह से अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए यहां पर माता के दर्शन के लिए बॉलीवुड स्टार्स से लकर राजनेता तक सभी पहुंचते हैं।

बता दें कि धार्मिक नगरी उज्जैन के पास आगर जिले में नलखेड़ा नामक नगर है, जहां माता बगलामुखी का यह बेहद प्राचीन मंदिर स्थापित है। यहां पर नवरात्रि में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला यहां बढ़ जाता है, जहां पूरे 9 दिन माता रानी के दरबार में धार्मिक अनुष्ठानों का सिलसिला जारी रहता है। दूर-दूर से यहां भक्त माता रानी के दर्शन करने और धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा बनने पहुंचते हैं।





दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं मंदिर
नलखेड़ा स्थित माता बगलामुखी के मंदिर में तंत्र साधना के साथ ही मिर्ची यज्ञ जैसे धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। माता के मंदिर में होने वाले यज्ञ के लिए दूर-दूर से लोग मंदिर पहुंचते हैं। इतना ही नहीं नवरात्रि में यहां यज्ञ कराने के लिए श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार भी करना पड़ता है। यहां मुख्य रूप से शत्रुओं का नाश, कोर्ट केस जीत, और चुनाव में विजय जैसे कार्यों को पूर्ण करने के लिए यज्ञ आयोजित किया जाता है। इतना ही नहीं यहां भक्त अपनी मनोकामना लेकर भी माता के दरबार में पहुंचते हैं, जहां मान्यता है कि माता बगलामुखी भक्तों की हर मनोकामना जल्द से जल्द पूरी कर देती है।

वीआईपी भक्तों का लगा रहता है तांता
नलखेड़ा स्थित माता बगलामुखी की प्राचीन मंदिर में यज्ञ अनुष्ठान के लिए दूर-दूर से लोग मंदिर पहुंचते हैं, जहां अक्सर फिल्म स्टार्स और दिग्गज राजनेताओं को भी देखा जाता है। माता बगलामुखी के मंदिर में साल भर वीवीआइपी भक्तों का तांता लगा रहता है, जहां चुनाव के समय राजनेताओं के आने का सिलसिला बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यताओं पर एक नजर डालें तो माता बगलामुखी की केवल तीन ही मंदिर हैं, जिनमें एक मंदिर नेपाल में तो दो मंदिर भारत में स्थापित हैं। भारत में स्थापित यह दोनों ही मंदिर मध्य प्रदेश में स्थित हैं, जहां एक नलखेड़ा तो दूसरा दतिया में विराजमान है।





युद्ध में विजय पाने पांडवों ने यहां की थी साधना
जानकारी के मुताबिक, आगर जिले के नलखेड़ा में स्थित माता बगलामुखी का यह मंदिर बेहद ही प्राचीन है। मान्यता है कि, यह मंदिर महाभारत काल के समय से स्थापित है। बताया जाता है कि, महाभारत के युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए पांडवों ने यहां साधना की थी तब से ही इस मंदिर में शत्रु नाशक यज्ञ अनुष्ठान कराए जाते हैं। इस मंदिर में माता बगलामुखी, माता लक्ष्मी और माता सरस्वती की प्रतिमाएं स्थापित हैं। मान्यता है कि, यह प्रतिमाएं स्वयंभू हैं। इतना ही नहीं यह प्राचीन मंदिर चारों ओर से शमशान से घिरा हुआ है, यही कारण है कि, यह तंत्र क्रियाओं का भी अपना अलग महत्व है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button