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बंगाल के रण में मोदी: पुरुलिया में पानी संकट को लेकर ममता को घेरा, बोले-दीदी बोले ‘खेला होबे’, भाजपा बोले ‘विकास होबे’

पुरुलिया। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (18 मार्च) पुरुलिया में चुनावी सभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत बंगाली बोलकर की और लोगों से बांग्ला कनेक्शन जोड़ने की कोशिश की। इसके बाद उन्होंने पुरुलिया में पानी के संकट को उठाकर तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरा। साथ ही, माकपा सरकार पर भी निशाना साधा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बंगाल में अब टीएमसी सरकार के कुछ ही दिन बचे हैं। यह बात दीदी को पता है। ऐसे में ममता दीदी कह रही हैं कि खेला होबे। पीएम मोदी ने कहा कि अगर सेवा का लक्ष्य हो तो खेला नहीं खेला जाता। पीएम मोदी ने कहा कि दीदी बोले- खेला होबे और बीजेपी बोले- विकास होबे। लेकिन अब खेला खत्म होगा और विकास शुरू होगा।

पीएम मोदी ने उठाए पुरुलिया के मुद्दे
पीएम मोदी ने कहा कि पुरुलिया का भगवान राम और माता सीता से बहुत पुराना नाता है। आज पुरुलिया में पानी का संघर्ष सबसे बड़ी समस्या है। पानी न होने के कारण यहां खेती, पशुपालन में काफी दिक्कत आती है। वहीं, पीने के पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। पुरुलिया के लोगों को अपने हाल पर छोड़कर टीएमसी सिर्फ अपने खेल में लगी रही है। टीएमसी ने पुरुलिया के लोगों को भेदभाव भरा शासन दिया और सबसे पिछड़ा क्षेत्र बना दिया। पुरुलिया के लोगों को कोई राहत नहीं मिल रही है। ममता दीदी को काम का हिसाब देना चाहिए। बंगाल में भाजपा की सरकार बनने के बाद पुरुलिया की समस्या को सबसे पहले दूर किया जाएगा।

पलायन रोकने पर दिया जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पुरुलिया क्षेत्र की कनेक्टविटी को सुधारना जरूरी है। बंगाल के हर हिस्से को रेल नेटवर्क से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है। दो मई के बाद जब भाजपा की सरकार बनेगी तो बंगाल में रेलवे के बाकी प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू होगा। पुरुलिया और आसपास के इलाके में ऐसी व्यवस्था बनाई जाएंगी, ताकि लोगों को पलायन न करना पड़े। पीएम मोदी ने बताया कि बंगाल के लिए केंद्र सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स की मंजूरी दी है।

तुष्टिकरण का मुद्दा भी उठाया
पीएम मोदी ने कहा कि तुष्टिकरण के नाम पर बंगाल के युवाओं का हक छीना जा रहा है। ओबीसी समुदाय से आने वाले लोगों के साथ विश्वासघात किया गया। दीदी की निर्मम सरकार ने माओवादियों की नई नस्ल बना दी, जिससे यहां के बच्चों और महिलाओं को नुकसान उठाना पड़ा।

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